देहरादून। Uttarakhand Rain : बीते 27 जून को मानसून उत्तराखंड पहुंचने के बाद जुलाई की शुरुआत में रिकॉर्ड वर्षा दर्ज की गई। पहले सप्ताह में ही प्रदेश में सामान्य से करीब तीन गुना अधिक वर्षा हुई है। जबकि कुमाऊं में भारी से बहुत भारी वर्षा से एक ही दिन में वर्षा का 34 वर्ष पुराना रिकार्ड टूट गया। ऊधम सिंह नगर, चंपावत और नैनीताल में 400 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा बागेश्वर और अल्मोड़ा में भी कई गुना अधिक वर्षा हुई है।
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इधर, गढ़वाल मंडल में देहरादून टिहरी और पौड़ी में भी सामान्य से अधिक वर्षा हुई। इसके बाद अचानक मानसून रूठ गया। खासकर गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में नाम मात्र की वर्षा हुई। दून में कहीं-कहीं वर्षा का क्रम बना रहा।
उधर, कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा (Uttarakhand Rain) का दौर अब भी जारी है। जुलाई के पहले सप्ताह में प्रदेश में औसत सामान्य वर्षा 94 मिमी के सापेक्ष 228 मिमी दर्ज की गई, जो कि सामान्य से 142 मिमी अधिक है। इसमें भी कुमाऊं के जिलों में सामान्य से पांच से सात गुना अधिक वर्षा दर्ज की गई है। बीते 34 वर्ष में यह सर्वाधिक है। इसके बाद जुलाई में अब तीन सप्ताह में प्रदेश में कुल औसत वर्षा 348 मिमी रिकार्ड की गई है, जो कि सामान्य वर्षा 275 मिमी से 26 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इसमें गढ़वाल के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन से तेज होगा वर्षा का क्रम
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ अपनी धुरी के साथ औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर चल रहा है। वहीं, मध्य राजस्थान पर एक साक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है और औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। जिसके हिमालयी क्षेत्र की ओर से बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अगले कुछ दिन उत्तराखंड में भी वर्षा का दौर तेज हो सकता है।