Neet Row : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कई तीखे सवाल किए। अदालत ने कहा कि अगर नीट परीक्षा में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हुई है तो उससे निपटा जाना चाहिए।
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इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। मेडिकल की इस परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं की मेहनत पर बात करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस याचिका को विरोधात्मक भाव से नहीं देखा जाना चाहिए।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि हम इन परीक्षाओं की तैयारियों में बच्चों की मेहनत से अवगत हैं। कोर्ट ने कहा कि मान लीजिए कि इस सिस्टम से धोखाधड़ी कर के कोई व्यक्ति डॉक्टर बन जाए। ऐसा शख्स समाज के लिए नुकसानदेह है।
बेंच ने कहा कि परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए आपको मजबूती से खड़ा होना होगा। अगर कोई गलती हुई है तो उसे माना जाना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या कार्रवाई की जा रही है। इससे आपके प्रदर्शन पर आत्मविश्वास पैदा होता है।
परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश (Neet Row)
अधिकारियों की तरफ से समय पर कदम उठाने पर जोर देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इन याचिकाओं पर अन्य लंबित याचिकाओं के साथ आठ जुलाई को सुनवाई होगी। इनमें वे याचिकाएं भी शामिल हैं जिनमें परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। कोर्ट ने कहा कि एनटीए और केंद्र इन नई याचिकाओं पर भी दो सप्ताह के अंदर अपने जवाब दाखिल करें।
इस बीच जब कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रख रहे एक अधिवक्ता ने परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न से संबंधित मुद्दा उठाया तो बेंच ने कहा कि एनटीए और केंद्र इस पर जवाब देंगे। कोर्ट ने कहा, ‘‘पहले हम आपकी दलीलों का मकसद समझ लें। इन मामलों में हम शाम तक बैठने को तैयार हैं।’’
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