Rajendra Singh Gudha : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल देखने को मि रही है। शुक्रवार को राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने विधानसभा में अपनी ही कांग्रेस सरकार को बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर घेरा था। गुढ़ा झुंझनू जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से दो बार के विधायक हैं। वह तीन बार 2008, 2015 और 2019 में एक पार्टी से दूसरे पार्टी में गए।
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राजस्थान की सियासत में शुक्रवार को बड़ा सियासी घटनाक्रम घटा। महिला सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने वाले राज्य के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। वह गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री थे। अकेले कल का ही बयान नहीं था जब गुढ़ा ने अपनी सरकार पर हमला बोला हो, इससे पहले भी कई बार उनके निशाने पर गहलोत सरकार रही है।
आइए जानते हैं राजेंद्र गुढ़ा के सियासी सफर के बारे में…
राजेंद्र गुढ़ा राजस्थान के झुंझनू जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट (Rajendra Singh Gudha) से विधायक हैं। अरावली की वादियों में बसा हुआ उदयपुरवाटी उपखंड का गुड़ा गांव राजस्थान विधानसभा में दो विधायक भेज चुका है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं दो भाइयों राजेंद्र गुढ़ा और रणवीर गुढ़ा की। राजेंद्र एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसका राजनीति से घनिष्ठ संबंध है। गुढ़ा ने पहली बार 2008 में विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन इससे पहले उनके भाई रणवीर ने इसका प्रतिनिधित्व किया था। रणवीर ने जब 2003 में लोजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी उस समय राजेंद्र ने अपने भाई रणवीर के साथ चुनाव प्रचार किया था। रणवीर सिंह गुढ़ा पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्री पद से बर्खास्त किया
शुक्रवार को राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा राज्यपाल कलराज मिश्र से की थी। कुछ ही घंटों में राज्यपाल मिश्र ने गहलोत की इस अनुशंसा को स्वीकार कर लिया।
‘हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’ और चली गई कुर्सी
दरअसल, गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी ही कांग्रेस सरकार को बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर घेरा था। उन्होंने कहा था कि ‘मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, क्योंकि राजस्थान में हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए।’ राजेंद्र गुढ़ा को ये कोई पहला बयान नहीं था जिसमें उन्होंने अपनी ही कांग्रेस सरकार को घेरा हो। इससे पहले भी गुढ़ा कई बयान दे चुके हैं, जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी या फिर वे विवाद का कारण बने थे।
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