श्रीहरिकोटा। Indian Space Research Organization भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के दो सैटेलाइट टेलीओएस-2 और ल्यूमलाइट-4 को पीएसएलवी-सी55 के साथ लॉन्च कर दिया है। इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी55 रॉकेट को सिंगापुर के 2 उपग्रहों के साथ इंटेंडिट ऑर्बिट से लॉन्च कर दिया है। यह सैटेलाइट पृथ्वी के ऑब्जर्वेशन के लिए लॉन्च की गई है।
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2.19 मिनट पर हुई लॉन्चिंग
22.5 घंटे की उलटी गिनती के अंत में, 44.4 मीटर लंबा रॉकेट चेन्नई से लगभग 135 किमी दूर स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दोपहर 2.19 मिनट पर लॉन्च किया गया है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी ने दोनों सैटालाइट को इंटेंडिट ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है। मिशन कंट्रोल सेंटर से प्रसन्न सोमनाथ ने कहा, “पीएसएलवी ने अपने 57वें मिशन में एक बार फिर अपनी उच्च विश्वसनीयता और इस तरह के कमर्शियल मिशन के लिए उपयुक्तता का प्रदर्शन किया है।”
पीएसएलवी का और होगा निर्माण
सोमनाथ ने कहा,”इस मिशन में हमारे पास पीएसएलवी का एक कोर अलोन कॉन्फिगरेशन था जिसमें कई विशिष्टताएँ और सुधार हैं जो हमने रॉकेट की लागत के साथ-साथ इसके एकीकरण समय को कम करने के लिए किए हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ हमारा यही लक्ष्य है कि आने वाले समय में हमें पीएसएलवी के उत्पादन और लॉन्च को और बढ़ाना है।
TeLEOS-2 है एक सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट
प्राथमिक उपग्रह TeLEOS-2 सिंगापुर सरकार और ST इंजीनियरिंग का प्रतिनिधित्व करने वाली रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) के बीच साझेदारी के तहत निर्माण किया गया एक सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट है। TeLEOS-2 में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) पेलोड है। इसका उपयोग पूरे मौसम में दिन और रात कवरेज प्रदान करने के लिए किया जाएगा और यह सिंगापुर के लिए एक मीटर पूर्ण पोलरिमेट्रिक रिज़ॉल्यूशन पर इमेजिंग करने में सक्षम है।
ल्यूमलाइट-4 की भी हुई लॉन्चिंग
TeLEOS-2 सैटेलाइट के साथ ल्यूमलाइट-4 को भी लॉन्च किया गया है। यह सैटेलाइट सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के इन्फोकॉम रिसर्च एंड सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में बनाई गई थी। इसरो ने कहा कि सैटेलाइट का उद्देश्य सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और वैश्विक शिपिंग समुदाय को लाभ पहुंचाना है।
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