कानपुर रेल हादसा: खचाखच भरी थी इंदौर से चली ट्रेन!

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कानपुर रेल हादसा
कानपुर रेल हादसा

इंदौर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास हादसे का शिकार हुई इंदौर-पटना राजेंद्र नगर एक्सप्रेस रेलगाड़ी जब इंदौर से चली थी, तब गाड़ी का हर डिब्बा खचाखच भरा हुआ था. यहां से जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा थी, इसीलिए वातानुकूलित श्रेणी का एक अतिरिक्त डिब्बा लगाना पड़ा था. यह जानकारी रेल विभाग से जुड़े सूत्रों ने दी है.

इंदौर से सीधे पटना जाने वाली राजेंद्र नगर एक्सप्रेस एकमात्र रेलगाड़ी है, जो सप्ताह में एक बार हर शनिवार को इंदौर से चलकर रविवार शाम पटना पहुंचती है. यही कारण है कि पूर्वाचल और बिहार के लोग इस गाड़ी में यात्रा करने को प्राथमिकता देते हैं. इसीलिए इस गाड़ी में मौसम कोई भी हो, भारी भीड़ रहती है.

                               इंदौर से सवार हुए थे 1266 लोग

इंदौर-पटना राजेंद्र नगर एक्सप्रेस रेलगाड़ी

बीते शनिवार दोपहर को यह गाड़ी जब यहां से रवाना हुई तो लगभग हर डिब्बा खचाखच भरा हुआ था. रेल विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस गाड़ी में इंदौर से 1266 लोग सवार हुए थे, जिनमें शयनयान श्रेणी में 518, वातानुकूलित डिब्बों में 308, सामान्य में 400 और विकलांग डिब्बे में 40 यात्री थे.रतलाम रेल मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी जीतेंद्र जयंत ने बताया,”अमूमन यह गाड़ी 22 डिब्बों की होती है, मगर शनिवार को इसमें 23 डिब्बे थे. वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का एक अतिरिक्त डिब्बा लगाया गया था. इसके अलावा वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का एक, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के तीन, शयनयान श्रेणी के 12, सामान्य चार और दो एसएलआर के डिब्बे थे.”

450 यात्रियों की वेटिंग लिस्ट

पूवरेत्तर सांस्कृतिक संस्थान के महासचिव ए. के. झा ने बताया, “बिहार और पूर्वाचल के लोग इसी गाड़ी से सबसे ज्यादा यात्रा करते हैं. शनिवार को शयनयान श्रेणी में 450 यात्रियों की वेटिंग लिस्ट थी. इसी बात से भीड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है. यही हाल सामान्य डिब्बों का था.”

झा के अनुसार, “इंदौर और आएसपीस के औद्योगिक क्षेत्रों में पूर्वांचल व बिहार के लोग बड़ी संख्या में नौकरी करते हैं. वहीं कई परिवारों के सदस्य छठ मनाने के लिए यहां आए हुए थे. छठ मनाकर लौट रहे लोगों के अलावा उन लोगों की भी संख्या ज्यादा थी, जो 21 नवंबर को होने वाले विवाह समारोहों में हिस्सा लेने जा रहे थे. जो डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनमें भी इंदौर से गए लोगों की संख्या ज्यादा थी.”

हादसे की जानकारी मिलने के बाद सैकड़ों की तादाद में लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे. हर किसी के चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं और सभी ने रेल अधिकारियों से वास्तविक ब्योरा चाहा, मगर अधिकांश को निराशा ही हाथ लगी. क्योंकि रेल प्रशासन तक घायलों की जो सूची आई है, उसमें चार इंदौर और चार देवास के यात्री हैं.

                       रेलवे की राज्यों के साथ भागीदारी में 40 परियोजनाएं

file photo-indian railway
रेलवे की राज्यों के साथ भागीदारी में 40 परियोजनाएं

60 हजार करोड की परियोजनाओं पर काम शुरू

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे ने राज्यों के साथ लागत-भागीदारी आधार पर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 40 से अधिक परियोजनाओं पर काम शुरू किया है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इस साल एक अप्रैल तक राज्य सरकारों के साथ लागत भागीदारी आधार पर 41 रेल परियोजनाओं पर काम शुरु किया गया है जिनमें लगभग 5650 किलोमीटर लंबी रेल लाइनें बिछाना शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि रेलवे अब राज्य सरकारों को परियोजनाओं में समान भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही हैं. इन नई परियोजनाओं की कुल लागत 60,850 करोड रपये है जिनमें से 4317 करोड रपये का परिव्यय 2016-17 के रेल बजट में उपलब्ध कराया गया था.

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