Kisan Mahapanchayat: लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने विरोध का एलान

687

करनाल। Kisan Mahapanchayat: दिल्‍ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल के बसताड़ा टोल प्‍लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने विरोध का एलान कर दिया। प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद किसान नेताओं ने लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया है। वहीं लघु सचिवालय में भी सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई है। डीसी और एसपी भी बाहर आ गए हैं। तनाव पूर्ण स्थिति बनी है।

Vaccination In Uttarakhand: 87 फीसद को लग चुकी है वैक्‍सीन की प्रथम खुराक

नमस्‍ते चौक के पास हजारों की संख्‍या में पहुंच गए हैं। किसानों का कहना है कि शांतिपूर्ण ढ़ंग से विरोध जताएंगे। अगर हमें गिरफ्तार किया गया तो हम तैयार हैं। नमस्‍ते चौक पर किसानों को रोका गया। पुलिस प्रशासन उनसे बातचीत कर रही है। भारी संख्‍या में भी सुरक्षा बल भी तैनात है। किसानों का कहना है कि हम गिरफ्तारी देने आए हैं। करनाल के डीसी और एसपी भी बातचीत कर रहे हैं। बस को भी लाया गया है। यहां पर किसान गिरफ्तारी देने को तैयार।

मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार

राकेश टिकैत ने कहा, करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं, किसानों को नमस्‍ते चौक पर रोक लिया गया। मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नमस्‍ते चौक पर गिरफ्तारी हुई। नमस्‍ते चौक से आगे बढ़ गए हैं। सेक्‍टर 14 चौक के पास पहुंंच रहे हैं।

महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्‍त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्‍यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्‍थल की ओर लौट गए। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बयान जारी किया, कहा, लोकतंत्र में सभी को अपने कार्यक्रम करने का अधिकार है।

ये मांग की थी प्रशासन से

राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन से मांग की गई थी कि एसडीएम आयुष सिन्‍हा पर कार्रवाई की जाए। लाठीचार्ज मामले में उन पर जांच बैठाई जाए। हालांकि प्रशासन ने इस मांग को नहीं माना।

महापंचायत की ओर लौटे किसान नेता

सभी किसान नेता बैठक कक्ष से बाहर निकल आए। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेताओं ने कहा कि अभी पंचायत स्‍थल में जाकर फैसला लिया जाएगा। वहीं पर फैसला होगा कि अब आगे क्‍या करना है।

तनाव की स्थिति

किसान नेताओं के जाते ही पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गए हैं। सभी सुरक्षा बलों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया हे। साथ ही लघु सचिवालय में भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। वहीं, किसान नेताओं के पहुंचने पर लघु सचिवालय की किलेबंदी कर दी गई थी। सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई थी। बिल्डिंंग की तरफ आने जाने वाले रास्‍तों पर सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए थे।

वार्ता के लिए ये नेता रहे कमेटी में शामिल

करनाल प्रशासन द्वारा मीटिंग की पेशकश पर किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, डा. दर्शनपाल, राम पाल चहल, अजय राणा, सुखविंद्र सिंह, विकास सिसर, योगेंद्र यादव, कामरेड इंद्रजीत सिंह, सुरेश गोत को कमेटी में शामिल किया गया।

Kisan Mahapanchayat: हथियार लेकर आए हमारे दुश्‍मन

चढ़ूनी ने कहा, सूचना मिली है कि हमारे बीच कुछ लोग हथियार लेकर आए हैं। ये गलत है। अगर ऐसा है तो तुंरत उनकी पहचान करके मंच में लाया जाए। जो हथियार लेकर आए हैं। वो हमारे दुश्‍मन हैं। हमें वार नहीं करना है, शांतिपूर्ण ढ़ंग से बात रखनी है।

Kisan Mahapanchayat: करनाल जिला और पुलिस प्रशासन ने जारी किए निर्देश

करनाल में किसान महापंचायत को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। प्रशासन बयान जारी किया है कि पंचायत में लाठी, जेली, लोहे की राड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं। वे कोई अप्रिय घटना कर सकते हैं। ऐसे शरारती तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए किसान नेताओं ने कोशिश की, लेकिन वे अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

करनाल महापंचायत में 12.04 बजे किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित पंजाब से किसान नेता राजेवाल भी महापंचायत में पहुंचे। लघु सचिवालय की तरफ किसानों के शांतिपूर्वक कूच के लिए प्रशासन के साथ मीटिंग शुरू। राकेश टिकैत के महापंचायत में पहुंचते ही किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की।

शहर में एंट्री के लिए सुबह दो पहिया व चार पहिया वाहनों को ढील दी गई थी, लेकिन 12 बजे किसानों के लघु सचिवालय के लिए कूच की रणनीति की सूचना के बाद नाकाबंदी पर सख्ती कर दी गई। यही हालात शहर के सभी एंट्री प्वायंट पर है। पुलिस पैदल जाने वालों को भी आवाजाही के लिए रोक रही है। आवाजाही बंद के कारण पुलिस की नाकों के दोनों तरफ वाहनों का जाम लगना शुरू हो गया है।

Kisan Mahapanchayat: करनाल अनाज मंडी में एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी

सुबह 8 बजे से ही बूंदाबांदी के बावजूद करनाल अनाज मंडी में किसान इक्ट्ठा हुए थे। प्योंत टोल और बसताड़ा टोल पर रणनीति तैयार करने के बाद किसान नारेबाजी करते हुए अनाज मंडी पहुंचे और मंडी लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के आवागमन बढ़ने के साथ-साथ हालात नाजुक बने हुए हैं।
दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर आवाजाही के लिए वाहनों को पेप्सी पुल (पानीपत) से होते हुए मूनक से असंध या फिर मूनक से गगसीना और घोघडीपुर से होते हुए हांसी चौक, बाईपास, पश्चिमी यमुना नहर कर्ण लेक जीटी रोड-44 होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जा रहा है। चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को पिपली चौक (कुरुक्षेत्र) से लाडवा, इंद्री, ब्याना, नेवल और कुंजपुरा से होते हुए नंगला मेघा, मेरठ रोड से अमृतपुर खुर्द, कैरवाली, घरौडा से जीटी रोड-44 से दिल्ली की ओर निकाला जाएगा।

Health Dialogue – 2021: का सीएम धामी ने किया शुभारंभ

 

Leave a Reply