किसान संगठनों को मिला विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों का समर्थन

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Bharat Bandh 2020:  कृषि क्षेत्र से जुड़े नए कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की खातिर मंगलवार (8 दिसंबर) को भारत बंद रहेगा। देशभर के विभिन्‍न किसान संगठनों ने राष्‍ट्रव्‍यापी बंद बुलाया है। कांग्रेस, लेफ्ट समेत अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने भारत बंद को समर्थन (Support to Bharat Bandh) देने का ऐलान किया है। ये दल मंगलवार को देश के अलग-अलग हिस्‍सों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा ट्रेड, इंडस्‍ट्रीज और बैंकिंग से जुड़ी कई यूनियनों ने भी किसान आंदोलन और ‘भारत बंद’ को सपोर्ट करने की बात कही है। यानी राजनीतिक और संगठन के स्‍तर पर भारत बंद को सफल बनाने की पूरी तैयारी है। अलग-अलग राज्‍यों में ‘भारत बंद’ का अलग-अलग असर देखने को मिल सकता है क्‍योंकि कुछ जगहों पर स्‍थानीय स्‍तर पर बड़े प्रदर्शन की योजना है। आंदोलन का केंद्र मुख्‍य रूप से दिल्‍ली-एनसीआर ही रहेगा।

‘प्रोजेक्ट नमन’ का हुआ उद्घाटन

पूरे देश से किसान आंदोलन को मिल रहा समर्थन

किसान आंदोलन की शुरुआत में पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल थे। बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने हिस्सा लिया, लेकिन अब इस आंदोलन में संपूर्ण उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के किसान जुड़ गए हैं।

दिल्‍ली में दिखेगा ‘भारत बंद’ का सबसे ज्‍यादा असर

8 दिसंबर को भारत बंद सुबह आठ बजे से लेकर शाम तक चलेगा। इस दौरान दुकानें एवं कारोबार बंद रहेंगे। एंबुलेंस एवं आपात कार्य को बंद से छूट दी गयी है। किसानों ने दिल्‍ली के बॉर्डर्स को ब्‍लॉक कर रखा है। पंजाब, हरियाणा समेत देशभर से हजारों किसान यहां पहुंचे हैं। दिल्‍ली को उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा समेत उत्‍तर भारत से जोड़ने वाले अधिकतर रास्‍ते बंद हैं। मंगलवार को हालात और बिगड़ सकते हैं जब खुले रास्‍तों पर भी किसान इकट्ठा होने की तैयारी कर रहे हैं। शहर के कुछ ऑटो और टैक्सी संघों ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ के समर्थन का फैसला किया है।

दिल्ली की कई सीमाएं सील कर दी गई हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा सोमवार की सुबह ट्विटर पर दी गई जानकारी के अनुसार, सिंघु, औचंडी, पियाओ, मनियारी, मंगेश बॉर्डर बंद है। इसके अलावा टिकरी और झरोडा बॉर्डर भी बंद है। उधर, उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाले मुख्य पथ, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 स्थित गाजीपुर बॉर्डर भी किसानों के आंदोलन के चलते बंद है। इसके अलावा नोएडा लिंक रोड स्थित चिल्ला बॉर्डर भी बंद है। किसान आंदोलन के चलते सिंघु और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ गाजीपुर बॉर्डर पहले से ही बंद था, लेकिन अब कई और सीमाएं सील कर दी गई हैं।

नोएडा में धारा 144 लागू, पूरे यूपी में भारी प्रदर्शन की तैयारी

उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी की है। भाकियू नेता सचिन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार को हर हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा और जब तक ये कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। भारत बंद के दौरान सुबह से लेकर दिन के तीन बजे तक बाजार, दुकान, संस्थान को बंद रखने की अपील की गई है। गौतमबुद्ध नगर जिले में छह दिसंबर से दो जनवरी 2021 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। डीएम ने यूं तो कोविड-19 को वजह बताया है लेकिन फिलहाल इसे किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है।

पंजाब में पेट्रोल पंप बंद रहेंगे, असम में भी दिखेगा असर

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने 8 दिसंबर को किसान संगठनों के भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। मंगलवार को राज्य के सभी पंप बंद रहेंगे और तेल केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए उपलब्ध होगा। महाराष्‍ट्र और असम की सरकारों ने भी बंद का समर्थन किया है। राज्य के 14 विपक्षी दलों ने मंगलवार को सभी कारखानों, कार्यालयों, बैंकों, अदालतों, शैक्षिक संस्थानों और यातायात को बंद करने की अपील की।

दक्षिणी राज्‍यों में भारत बंद का खुलकर समर्थन कर रहीं पार्टियां

दक्षिण के अधिकतर राज्‍यों की सरकारें किसानों के समर्थन में हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसमें सक्रियता से शामिल होकर बंद को सफल कराएंगे। तमिलनाडु में द्रमुक नीत विपक्षी खेमे ने आठ दिसंबर को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के प्रति समर्थन जताया और कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग ‘‘पूरी तरह से जायज’’ है। स्टालिन, द्रमुक के सहयोगी दलों कांग्रेस के तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के.एस. अलागिरी, एमडीएमके के संस्थापक वाईको और वाम नेताओं ने साझा बयान जारी किया है। अभिनेता कमल हासन की मक्काल निधि मय्यम (एमएनएम) ने भी किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। केरल में भी बंद को राज्‍य सरकार का समर्थन है।

‘हरियाणा और राजस्‍थान में बंद रहेंगी सारी मंडियां’

किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने सभी से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि भारत बंद शांतिपूर्ण रहे। उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसी को भी हिंसक होने की इजाजत नहीं देंगे और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। हम सभी से बंद का हिस्सा बनने का आह्वान करते हैं।’’ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘‘हम अपने रुख पर सदैव अडिग हैं। हमने हमेशा मांग की है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। हमने अपना रुख नहीं बदला है। हम उस पर दृढ़ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों के कई संगठन भी भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी लेकिन शादियों को बंद से छूट दी गयी है। कई राजनीतिक दलों ने हमारा समर्थन किया है और हम सभी से बंद में हिस्सा लेने की अपील करते हैं।’’

कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी दलों का बंद को समर्थन

किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ का अधिकतर विपक्षी दलों ने समर्थन किया है। ऐसे में जहां ये दल सत्‍ता में हैं, वहां बंद का व्‍यापक असर देखने को मिल सकता है। कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक, शिवसेना, सपा, राकांपा और आप ने ‘भारत बंद’ के आह्वान के प्रति अपना समर्थन जताया है। इनसे पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस, राजद और वाम दलों ने भी बंद का समर्थन किया था। किसान संगठनों कांग्रेस ने ‘भारत बंद’ के प्रति पूरा समर्थन जताया और घोषणा की कि इस दिन वह किसानों की मांगों के समर्थन में सभी जिला एवं राज्य मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। अभिनेता कमल हासन की मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) ने भी किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है।

सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में कहा है, ‘‘ राजनीतिक दलों के हम दस्तखत करने वाले नेतागण देशभर के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आयोजित भारतीय किसानों के जबर्दस्त संघर्ष के साथ एकजुटता प्रकट करते हैं और इन कृषि कानूनों एवं बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर उनके द्वारा आठ दिंसबर को किये गये भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हैं।’’ इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा, भाकपा (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, ऑल इंडिया फारवार्ड ब्लॉक (एआईएफबी) के महासचिव देवव्रत विश्वास और आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य ने भी दस्तखत किये हैं।

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