नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी के मामले में बिल्कुल कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा है। दवे ने इस चिट्ठी के जरिए अर्णब की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए अगले ही दिन लिस्ट करने पर सवाल उठाया है।
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रजिस्ट्री के महासचिव से कई कड़े सवाल
दवे ने इस बात पर आपत्ति जताई कि अर्णब की याचिका तो दायर होते ही लिस्ट हो गई, लेकिन ऐसे ही कुछ मामलों में इस तरह की त्वरित कार्रवाई नहीं हुई थी। उन्होंने रजिस्ट्री के महासचिव से यह भी पूछा कि क्या अर्णब गोस्वामी की याचिका पर तुरंत सुनवाई को लेकर चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने तो विशेष निर्देश नहीं दे रखे हैं? गोस्वामी की याचिका पर आज सुनवाई होनी है और दवे ने यह चिट्ठी मंगलवार रात 8.15 बजे लिखी। उन्होंने अपने पत्र में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के महीनों जेल में रहने का भी हवाला दिया।
‘गोस्वामी से मेरा व्यक्तिगत लेना-देना नहीं’
अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने चिट्ठी में कहा, ‘मैं यह पत्र सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से कल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट की गई याचिका के खिलाफ कड़ा प्रतिरोध जाहिर करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। मेरा गोस्वामी से कुछ व्यक्तिगत लेना-देना नहीं है और मैं सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने के उसके अधिकार में किसी तरह का हस्तक्षेप करने के मकसद से यह चिट्ठी नहीं लिखी है। सभी नागरिकों की तरह उन्हें भी सर्वोच्च न्यायालय से न्याय की मांग करने का अधिकार है।’
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