देहरादून: मा. मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 16.09.2020 को आहूत बैठक में नागरिकों को सुविधाजनक रूप से सेवायें उपलब्ध कराये जाने हेतु अपणि सरकार ऑनलाईन सर्विस पोर्टल को किये जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं सहित लगभग 250 सेवाओं को इस पोर्टल के अंतर्गत लाया जाना है, जिस हेतु राज्य सरकार ने दिनांक 30.09.2020 को शासनादेश जारी कर विभागाध्यक्षों को नोडल ऑफिसर घोषित करते हुए उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग को विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करने हेतु अधिकृत किया है। पोर्टल का विकास ITDA के तत्वाधान में NIC द्वारा किया जाना है।
राजस्व विभाग के साथ बैठक
गृह विभाग के साथ बैठक
गृह विभागके साथ बैठक में पुलिस अधीक्षक सहित थाना स्तर तक के कार्मिक उपस्थित रहे। जिला प्रशासन, देहरादून का प्रतिनिधित्व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं प्रशासन) द्वारा किया गया। पुलिस विभाग की 10 अधिसूचित सेवाएं वर्तमान में केंद्रीयकृत ऑनलाईन App (देवभूमि) द्वारा तथा कतिपय सेवाएं अपराध एवं अपराधी ट्रेकिंग नेटवर्क ( CCTNS ) के माध्यम से नागरिकों को ऑनलाईन प्रदान की जा रही हैं। चूँकि गृह मंत्रालय ( MHA) द्वारा संचालित CCTNS तथा केंद्रीयकृत ऑनलाईन App NIC द्वारा निर्मित हैं, अतः इनके ‘‘अपणि सरकार’’ पोर्टल से इंटीग्रेशन तथा डेटाफ्लो सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही के संबंध में NIC को निर्देशित किया गया। उत्तराखण्ड राज्य में पहाड़ी क्षेत्रों में राजस्व पुलिस एवं मैदानी क्षेत्रों में रैगुलर पुलिस की व्यवस्था है।
ITDA एवं NIC को यह भी सुनिश्चित करना है कि
MDDA तथा अन्य जिला विकास प्राधिकरणों के साथ बैठक
MDDA तथा अन्य जिला विकास प्राधिकरणों के साथ आयोजित बैठक के दौरान अधिसूचित सेवाओं के वर्कफ्लो, आवेदन-प्रारूपों, अतिरिक्त सेवाओं को जोड़े जाने आदि के संबंध में पुनः चर्चा हुयी। आयोग ने पाया कि आवास विभाग की सेवाओं यथा आवासीय एवं व्यवसायिक मानचित्र स्वीकृति, कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र आदि से संबंधित शासनादेश उपलब्ध नहीं है। यह निर्णय हुआ कि MDDA तथा आवास विभाग द्वारा प्रत्येक सेवा का वर्कफ्लो तथा सेवा से संबंधित Bye-laws की प्रति आयोग को शीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी।
उपाध्यक्ष, MDDA द्वारा नागरिकों के हित में निम्न निर्णय लेते हुए उन पर शीघ्र कार्य करने का आश्वासन दिया गयाः-
- जिन आवेदकों को स्वीकृति हेतु मानचित्र ऑनलाईन अपलोड करने अथवा ऑनलाईन फीस भुगतान करने में कठिनाई हो, उनके लिए MDDA में एक सुविधा-डेस्क स्थापित की जायेगी।
- प्रयुक्त सॉफ्टवेयर का वित्तीय मोडयूल अभी निर्मित किया जा रहा है अतः RTGS अथवा बैंक-चालान द्वारा जमा किये जा रहे भुगतानों को इस प्रकार Integrate किया जायेगा कि उनके पृथक से मिलान ( Reconciliation ), जिसमें वर्तमान में समय लगता है, की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी।
- व्यवसायिक मानचित्रों की स्वीकृति की समय-सीमा 60 दिन से घटाकर 30 दिन सुनिश्चित की जायेगी।
- ऐसे भवनों जहाँ लिफ्ट प्रयुक्त की जा रही है, वहाँ सुरक्षा के दृष्टिगत लिफ्ट का सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणीकरण कराये जाने के उद्देश्य से प्राधिकारी के चिन्हीकरण से संबंधित शासनादेश जारी कराया जायेगा।
- Compounding की सेवा हेतु वर्कफ्लो तथा पदाभिहित अधिकारी एवं अपीलीय प्राधिकारियों को चिन्हित कर आयोग को सूचित किया जायेगा।
संयुक्त मुख्य प्रशासक, UHUDA ने अवगत कराया कि MDDA को छोड़कर (चूँकि MDDA का स्वयं का पोर्टल है) अन्य 12 जिला विकास प्राधिकरणों हेतु ऑनलाईन पोर्टल का विकास कराया जा रहा है। साथ ही, उन्होंने विभिन्न सेवाओं की समय-सीमा को न घटाने हेतु यह तर्क दिया कि पर्वतीय जनपदों में अभियंताओं एवं विशेषज्ञों की कमी होने के कारण कभी-कभी अधिक समय लग जाता है। मुख्य आयुक्त, उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग उनकी दोनों बातों से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने यह सुझाव दिया कि MDDA के द्वारा प्रयुक्त किये जा रहे सॉफ्टवेयर को ही Customize कर अन्य जनपदों हेतु व्यवस्था की जानी चाहिए तथा जब व्यवस्था ऑनलाईन की जा रही है, तो केंद्रीय स्थल (जो MDDA भी हो सकता है) पर उपलब्ध अभियंताओं एवं विशेषज्ञों से ही अन्य जनपदों के मानचित्रों की जाँच करायी जा सकती है। अतः समय-सीमा को बढ़ाये रखने की आवश्यकता नहीं है।
बैठक के दौरान निम्न सेवाओं को संशोधित कर अधिसचित कराये जाने का निर्णय लिया गयाः-
2. कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र की सेवा के 03 प्रकार होंगे – (अ) आवासीय मानचित्र (ब) अनावासीय मानचित्र तथा (स) व्यवसायिक मानचित्रमा. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के निर्देशानुसार शीघ्र ही अन्य सभी विभागों के साथ श्री एस रामास्वामी, मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में अपणि सरकार पोर्टल में सेवा के अधिकार से संबंधित सेवाओं को जनता को उपलब्ध कराने के लिए बैठकें की जाएगी एवं उत्तराखण्ड की जनता के लिए अपणि सरकार पोर्टल को तीन माह के भीतर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे घर बैठे-बैठे सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं का लाभ लिया जा सके और अधिकारी भी निश्चित दिनों के भीतर जनता को सेवाएं उपलब्ध कराएं।
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