लखनऊ, योगी सरकार प्राथमिक स्कूलों की अपनी पहली शिक्षक भर्ती के कटऑफ अंक की परीक्षा में उत्तीर्ण हो गई है। साथ ही 68500 भर्ती में नियुक्ति पाने वाले करीब 45 हजार से अधिक शिक्षकों को भी राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कटऑफ अंक की सुनवाई में अंतरिम को ही अंतिम आदेश करार दिया है। इससे नियुक्त हो चुके शिक्षकों पर कोई असर नहीं होगा, बल्कि सरकार इस भर्ती में अब आगे के निर्णय ले सकती है। मसलन, करीब 23 हजार रिक्त पदों को खाली घोषित कर सकती है ताकि उन्हें अगली भर्ती में शामिल किया जा सके।
ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैनिक ठिकानों पर दागी एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें
असल में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में कटऑफ अंक का विवाद सरकार ने ही खड़ा किया था, क्योंकि नौ जनवरी 2018 के मूल शासनादेश में कटऑफ अंक सामान्य व ओबीसी के लिए 45 व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत तय किया था। बाद में 21 मई 2018 को इसे घटाकर क्रमश: 33 व 30 प्रतिशत कर दिया गया। दो कटऑफ अंक घोषित होने पर उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसका पटाक्षेप अब हो सका है। कोर्ट ने मूल शासनादेश के अनुरूप परिणाम जारी करने की अनुमति अंतरिम आदेश में दी थी। इसीलिए चार चरणों में सारी भर्ती 45 व 40 प्रतिशत अंकों के आधार पर ही हुई है। कोर्ट ने इसे ही अंतिम आदेश में सही ठहराया है।
33 व 30 प्रतिशत कटऑफ को मान्य करता तो पूरी भर्ती प्रभावित होने के आसार
यदि कोर्ट 33 व 30 प्रतिशत कटऑफ को मान्य करता तो पूरी भर्ती प्रभावित होने के आसार बनते। साथ ही शिक्षामित्र उसके अनुपालन के लिए दबाव बनाते, क्योंकि तब चयन की मेरिट ही बदल जाती। ज्ञात हो कि कटऑफ अंक कम होने पर शिक्षामित्र व कम अंक से अनुत्तीर्ण होने वाले सफल हो जाते। इसमें शिक्षामित्र भारांक पाकर चयन के लिए बेहतर स्थिति में होते और तमाम चयनित हो चुके शिक्षकों को बाहर होना पड़ता। उस स्थिति में सरकार का कोई भी निर्णय अभ्यर्थियों के एक वर्ग को प्रभावित करता।
चयन का पांचवां चरण भी होगा
68500 शिक्षक भर्ती में चयन का पांचवां चरण भी होगा, क्योंकि हाई कोर्ट के आदेश पर करीब 500 से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन शुरू हो गया है। इसमें उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी भी नियुक्ति पाएंगे। हालांकि उनकी तादाद काफी कम होने के आसार हैं। नियुक्ति के लिए फिर से वेबसाइट नए सत्र के पहले ही खुलेगी।
Elimination of Poverty in India: गरीबी उन्मूलन की योजनाएं, मिटेगी विपन्नता आएगी संपन्नता