दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के लिए खुशखबरी, जल्द शुरू होगा मेट्रो के चौथे फेज का निर्माण कार्य

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नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज की परियोजना का निर्माण कार्य इस माह के अंत में शुरू हो जाएगा। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन डीएमआरसी ने निर्माण कंपनी के साथ अनुबंध कर लिया है। इसके लिए टेंडर पूर्व में जारी किए जा चुके थे। अनुबंध के तहत जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर (लाइन-8 का विस्तार) के एक हिस्से का निर्माण किया जाएगा।

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इस हिस्से में 10 स्टेशनों का निर्माण कार्य भी शामिल किया गया है। ये दस स्टेशन केशोपुर, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी, मंगोलपुरी, वेस्ट एंक्लेव, पुष्पांजलि, दीपाली चौक, मधुबन चौक, प्रशांत विहार और नॉर्थ पीतमपुरा शामिल हैं।

नवंबर के अंत तक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा

डीएमआरसी के मुताबिक, निर्माण कंपनी के साथ किए गए अनुबंध के तहत नवंबर के अंत तक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। निर्माण कार्य में एलिवेटेड वायडक्ट, एलिवेटेड रैंप, साइ¨डग लाइन और स्टेशन का निर्माण शामिल है। इस कॉरिडोर पर काम नवंबर में शुरू होने के बाद 30 माह के भीतर पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। 28.92 किमी लंबी जनकपुरी वेस्ट -आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर मैजेंटा लाइन का विस्तार है। इस कॉरिडोर में 22 स्टेशन होंगे।

5994.50 करोड़ रुपये की मंजूरी

चौथे चरण की परियोजना के तहत छह कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। इनकी कुल लंबाई 103.94 किलोमीटर है। इस पर पांच साल के भीतर चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य होना है। दिल्ली कैबिनेट ने दिसंबर, 2018 में तीनों कॉरिडोर के निर्माण के लिए कुल लागत 5994.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। ये कॉरिडोर मजलिस पार्क-मौजपुर, आरके आश्रम-जनकपुरी वेस्ट और एयरो सिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर हैं। इनके लिए 200 करोड़ केंद्र सरकार और 600 करोड़ दिल्ली सरकार की ओर से पूर्व में जारी किए जा चुके हैं।

चौथे चरण की परियोजना के तहत पहले इन तीनों कॉरिडोर और बाद में बाकी तीन कॉरिडोर का काम शुरू होगा। इन तीनों कॉरिडोर पर कुल 46 मेट्रो स्टेशन होंगे। चौथे चरण की परियोजना में छह कॉरिडोर के निर्माण पर कुल 24,948.65 करोड़ की लागत आएगी। केंद्र काफी पहले ही दिल्ली में मेट्रो रेल के चौथे चरण को मंजूरी दे चुका है। केंद्र ने मंजूरी के साथ यह भी दावा किया था कि इन कॉरिडोर के बनने से सड़कों पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं, सफर आसान होने के साथ प्रदूषण भी कम होगा।

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