नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने प्लास्टिक के सामानों पर रोक लगाने का फैसला किया है इसे लेकर मंत्रालय ने सभी रेलवे इकाइयों को निर्देश भी दे दिया है। निर्देश में कहा गया है कि 2 अक्टूबर से 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक सामग्री के एकल-उपयोग पर प्रतिबंध लगा दें। मंत्रालय ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि प्लास्टिक कचरे का उत्पादन कम हो सके और पर्यावरण के अनुकूल इसका निपटान हो सके। ये आदेश सख्त रुप से 2 अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा।
रेलवे मंत्रालय के आदेश के मुताबिक सिंगल यूज प्लास्टिक पर तुरंत ही पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही रेलवे के सभी वेंडर्स को प्लास्टिक के कैरी बैग का इस्तेमाल बंद करने लिए जागरुक करने को कहा गया है। साथ ही सलाह दी गई है कि दोबारा इस्तेमाल में आने वाले पर्यावरण के अनुकूल बैग यानी की ईको फ्रेंडली बैग का इस्तेमाल किया जाए।
संसद भी प्लास्टिक मुक्त
लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को संसद भवन परिसर को प्लास्टिक की बोतलों और एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ रेलवे और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है।इसके साथ रेलवे और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है।
लोकसभा सचिवालय ने इसे लेकर जारी निर्देश में संसद भवन में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्लास्टिक के सामान के बजाय पर्यावरण के अनुकूल थैलों या सामान का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री ने की अभियान की शुरुआत
दरअसल, 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक के इसके इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने का सुझाव दिया था।साथ ही इसे लेकर दो अक्टूबर को देश भर में अभियान चलाने की भी घोषणा की थी।