देहरादून। संवाददाता। आज सुबह आई.एम.ए. में आयोजित की गयी पासिंग आउट परेड के साथ सेना में अफसर बनने का सपना देखने वाले युवा जांबाजों ने जैसे ही अंतिम पग पार किया वह खुशी से झूम उठे। आज आयोजित पांसिग आउट परेड की सलामी उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्षु ने ली। इस परेड में कुल सहयोगी मित्र देशों के 80 कैडिटों सहित कुल 427 कैडिटों ने भाग लिया। जिसमें भारतीय सेना के अंग बनने वाले 347 कैडिट है तथा हर बार की तरह उत्तर प्रदेश से 53 और उत्तराखण्ड से 26 युवाओं को सेना में अधिकारी बनने का मौका मिला।
इस अवसर को खास बनाने के लिए हर साल की तरह भारतीय सैन्य अकादमी को लाइट और साउंड के जरिए भव्य तरीके से सजाया गया था। सेना में अधिकारी बनने का इंतजार कर रहे इन वीर सपूतों को आज सुबह परेड के दौरान कदम ताल करते देख सभी के सीने गर्व से फूले हुए थे। ऐतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के सामने आयोजित ड्रिल स्वायर पर कदम ताल करते जोशीले जवानों को देख कर मौके पर मौजूद जवानोें के अभिभावक भी फूले नहीं समा रहे थे।
मेमोरियल पर शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की
परम्परा के अनुरूप आज पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने वाले इन कैडिटों ने परेड से पहले शहीद सैन्य अफसरों की जांबाजी से पे्ररणा लेते हुए आईएमए के वार मेमोरियल पर शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर मौजूद परिजनों के लिए यह क्षण अत्यन्त ही भावुकता से भरे हुए थे। जब वह अपने लाडलों के कंधो पर सितारे सजा रहे थे। जोश से लबरेज इन युवा जाबांजो को भी इसका अहसास था कि अब उनके कंधो पर देश की हिफाजत की जो जिम्मेदारी है वह कोई आसान काम नहीं है।
अपने कर्तव्य के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाना है। उन पर हैलीकाप्टर से जो पुष्प वर्षा की जा रही है वह देश के उस गर्व का प्रतीक है जो देश के लोग अपने इन जांबाज सपूतों पर मरते है। पासिंग आउट परेड के अवसर पर कड़े सुरक्षा प्रबन्ध किये गये थे। जिसकी जिम्मेदारी का जिम्मा अंदर सेना के जवान व बाहर सिविल पुलिस ने संभाली हुई थी।