यरुशलम। Israel-Palestine War : आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद इजरायल ने आधिकारिक तौर पर हमले की घोषणा कर दी है। इजरायली इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच 48 घंटे बाद भी संघर्ष जारी है। हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायुसेना ताबड़तोड़ हमले कर रही है।
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हमास के हमले में लगभग 700 इजरायली लोगों की मौत हो गई है, वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा में 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही गाजा में लगभग 123,000 लोग विस्थापित होकर आश्रय स्थलों में रह रहे हैं। ऐसे में आइए पांच प्वाइंट्स में जानते हैं कि इजरायल और हमास के बीच हो रहे संघर्ष के क्या मायने हैं?
युद्ध घोषणा का क्या मतलब है?
देश में आतंकी हमला होने के बाद इजराइल (Israel-Palestine War) ने पहले लेबनान और गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए हैं, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, यह इजरायल को हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने को हरी झंडी देता है। इजराइल ने अबतक गाजा में 800 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें हनौन शहर का ज्यादातर हिस्सा नष्ट हो गया है और कई लोग लारे गए हैं।
इजरायली रियर एडमिरल डेनियल हागारी ने मीडिया को बताया कि हमास हनौन शहर को हमलों के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। वहीं, फिलिस्तीन में हमास के एक आतंकी नेता ने कहा कि हमने गाजा में 30 से ज्यादा इजरायलियों को बंधक बना रखा है। उन्होंने कहा कि इजरायलियों को तब तक रिहा नहीं किया जाएगा जब तक इजरायली जेलों में बंद सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं कर दिया जाता।
अमेरिका और अन्य देशों की ओर से कैसी प्रतिक्रिया रही?
अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को इजराइल की मदद के लिए तैयार रहने के लिए पूर्वी भूमध्य सागर में जाने का आदेश दे दिया है। स्ट्राइक ग्रुप के बेड़े में कई जहाज और युद्धक विमान शामिल हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच संघर्ष को लेकर अमेरिका बारीकी से नजर रखे हुए है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इन हमलों में चार अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं, वहीं सात अन्य लापता हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्थिति के बारे में एक आपातकालीन बैठक की है। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद से मांग की है कि उसके 15 सदस्य हमास के हमले की निंदा करें। इसका साफ संदेश है कि अमेरिका इजरायल के साथ में खड़ा हुआ है।
वहीं, रूस और चीन ने कहा है कि इजरायल और फिलिस्तीन (Israel-Palestine War) को बातचीत करके मुद्दे को सुलझाना चाहिए। जर्मनी के विकास मंत्री ने कहा है कि हम फिलिस्तीनी क्षेत्रों के लिए अपनी सहायता की समीक्षा करेंगे। वहीं, ईरान ने हमास के अतंकियों की इजरायल में घुसपैठ की प्रशंसा की है। राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने हमास के नेता इस्माइल हानियेह और इस्लामिक जिहादी नेता ज़ियाद अल-नखलाह से फोन पर बात की।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा रहा है?
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि स्कूलों (आश्रयस्थलों में परिवर्तित) में गाजा के विस्थापितों की संख्या दल हजारों से बढ़कर लगभग 123,000 हो गई है। फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन की एजेंसी, यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि 225 से ज्यादा लोगों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर सीधा हमला हुआ, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। यूएनआरडब्ल्यूए ने एक बयान में कहा, “विस्थापित परिवारों को आश्रय देने वाले स्कूलों और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे पर कभी भी हमला नहीं होना चाहिए।”
किस बात को लेकर छिड़ा युद्ध?
हमास के अधिकारियों ने इजरायल पर हमले का हवाला हुए कहा कि यह हमला अल-अक्सा मस्जिद पर चल रहे तनाव की वजह से हुआ है। इससे पहले साल 2021 में इजराइल और हमास के बीच 11 दिनों तक युद्ध लड़ा गया था। बता दें कि इस्लाम धर्म में अल अक्सा को मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसी को लेकर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद है।
विभाजित इजरायल में हाल ही में क्या हो रहा है?
इजरायल के ऊपर यह हमला देश के कठिन समय में हुआ है। इजरायल के पीएम नेतन्याहू द्वारा सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर इतिहास में सबसे बड़े विरोध का सामना कर रहे हैं, जबकि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का केस भी चल रहा है।
देश में विरोध कर रहे लोग नेतन्याहू के ऊपर पर सत्ता हथियाने का आरोप लगा रहा है। इससे इजरायल में लोग दो जगह बंट गए हैं और सेना के अंदर उथल-पुथल फैला दी है। बता दें कि इसके विरोध में कई रिजर्व सैनिकों ने स्वेच्छा से ड्यूटी पर आना बंद करने की धमकी दी है।
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