उत्तराखंड में बारिश के चलते भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध

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उत्तराखंड

देहरादून। चक्रवाती तूफान का असर उत्तराखंड में भी दिख रहा है। देहरादून जनपद के चकराता तहसील के अंतर्गत क्वांसी के पास खेड़ा बिजनाड़ में बादल फटने से एक युवक की मौत हो गई, जबिक दो लोग लापता हैं। वहीं, भारी भूस्घ्खलन से नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश-श्रीनगर कौडियाला और ब्घ्यासी के पास बंद हो गया है। अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधि जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं।

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खेड़ा बिजनाड़ में कोल्हा निवासी कुछ ग्रामीण किसानों की छानिया

उत्तराखंड चकराता तहसील के अंतर्गत क्वांसी के पास खेड़ा बिजनाड़ में कोल्हा निवासी कुछ ग्रामीण किसानों की छानिया है। गुरुवार सुबह अतिवृष्टि के कारण बादल फटने से बिजनाड़ में रह रहे स्थानीय ग्रामीण कालिया, फंकियारु व गुंता नामक तीन ग्रामीण परिवारों की छानी पर पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिसकी चपेट में आने से एक युवक और दो लड़कियां लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीणों के पशु और मवेशी भी मलबे के नीचे दब गए।

तहसीलदार पूरण सिंह तोमर के नेतृत्व चकराता से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई

घटना की सूचना के तुरंत बाद एसडीएम संगीता कनौजिया के निर्देशन में तहसीलदार पूरण सिंह तोमर के नेतृत्व चकराता से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई। घटनास्थल सड़क मार्ग से 2 किमी दूर पैदल है। लगातार हो रही बारिश से हुए भूस्खलन से ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग कौडियाला और ब्घ्यासी के पास बंद हो गया है। मार्ग खोलने का काम चल रहा है। वहीं जौनपुर ब्लॉक में जमुना पुल के पास कांडीखाल के समीप सड़क धंस गई है। जिससे मसूरी कैंप्टीफॉल में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है। यमुना घाटी से मसूरी होकर देहरादून जाने वाले सभी बड़े वाहनों को विकासनगर होकर जाना पड़ रहा है। कई इलाकों में तड़के से ही बारिश की फुहारें पड़ने शुरु हो गई थी।

उत्तराखंड में बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग में केदारनाथ की चोटियों पर बर्फबारी हुई

ज्यादातर इलाकों में दिनभर हल्की से मध्यम बारिश का दौर चलता रहा। जबकि कई इलाकों में तेज बारिश भी हुई। चमोली में बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग में केदारनाथ की चोटियों पर बर्फबारी हुई। बारिश से कोटद्वार में सनेह के जंगलों में लगी आग भी बुझ गई है। कर्णप्रयाग सहित सिमली, गौचर, लंगासू, नोटी, नंदासैंण, पडवाली, नैनीसैंण सहित बेनीताल, थराली, देवाल, गैरसैंण में भी बारिश होती रही। कुमाऊं में मंगलवार रात से ही बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है। मौसम के रेड अलर्ट के मद्देनजर पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले में प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा।

अल्मोड़ा, बागेश्वर व चंपावत में भी बारिश का क्रम लगातार बना हुआ

मुनस्यारी समेत ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार बारिश हुई है। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग गर्बाधार के पास मलबा आने से बंद हो गया है। वहीं, अल्मोड़ा, बागेश्वर व चंपावत में भी बारिश का क्रम लगातार बना हुआ है। उत्तराखंड में कई स्थानों से अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं।

किसानों कि फसलों को  हुए नुकसान का आँकलन कर शीघ्र मुआवजा

किसानों कि फसलों को  हुए नुकसान का आँकलन कर शीघ्र मुआवजा देने के लिए भी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर आवागमन सुचारू करने के लिए राज्य सरकार समुचित प्रबंध कर रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही राजस्व पुलिस, पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई है।

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