देहरादून। कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखण्ड सरकार ने 31 मार्च तक प्रदेश भर में लॉकडाउन का आदेश दे दिया है लेकिन, आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी से आम इंसान को कोई परेशानी न हो इसके लिए अभी तक कोई भी दिशा-निर्देश न तो शासन और न ही प्रशासिनिक स्तर पर जारी किये गए।
आलम ये है कि, खाद्यान आपूर्ति सुचारु रूप से चलाने के लिए जिम्मेदार विभाग आंखे मूंदे बैठा है।इस भारी भरकम मंत्रालय के मंत्री भी अभी तक खामोश बैठे है। कालाबाजारी करने वाले खुलेआम लोगों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं। लगता है जैसे सरकार का इनपर कोई अंकुश ही नहीं है।
जैसा की देख़ने में आ रहा है ,समस्त पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन-रात पूरी लगन से अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं। इन लोगों के लिए न रात को चैन है न दिन में आराम। एक-एक कर्मी 12 घंटे से लगातार ड्यूटी पर डटा है। नगर निगम के कर्मी भी जगह -जगह sanitizasion करते देखे जा सकते है। ये सभी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं।
अब मुख्य मंत्री को ही लेना होगा संज्ञान
लेकिन, लोगों को खाद्य पदार्थ की आपूर्ति सुचारु रूप से व सही दामों पर हो रही है या नहीं , इस व्यवस्था को देखने वाला विभाग नदारद है। विभागीय मंत्री परदे से गायब है ,अब मुख्य मंत्री को ही लेना होगा संज्ञान,
जागो सरकार,यहाँ आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी ने आम इंसान की कमर तोड़ दी है।
परिवार का पेट पालना बड़ी विपदा
राजधानी के हर इलाके में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बड़ा उछाल आ गया है । हैरानी वाली बात है कि एक ओर तो सरकार कह रही है कि आवश्यक वस्तुओं में कमी नहीं आएगी लेकिन दूसरी ओर जिस प्रकार से आटा, दालें, सब्जियां इत्यादि के दामों में तेजी के साथ बढोतरी हुई है वह उसके कथन को झूठ साबित कर रहा है। उससे रोज की दिहाड़ी कमाने वाले आम इंसान के सामने अपने परिवार का पेट पालना बड़ी विपदा बन चुका है।
कल से नवरात्रें शुरू हो रहे है
सब्जियां आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रहीं हैं बता दें कि, जो मटर-गोभी लॉकडाउन से पहले 20 रुपए प्रति किलो थी वह 80-60 रुपए प्रति किलो बिक रही है। बताया जा रहा है कि 50 किलो के आलू के कट्टे में 200 रुपए का उछाल आया है और प्रत्येक किलो आलू 40 रुपए से भी ज्यादा का बेचा जा रहा है। कल से नवरात्रें शुरू हो रहे है और जो नारियल 25-30 रुपए प्रति नग मिल रहा था वह लॉकडाउन के चलते 55-60 रुपए प्रति नग मिल रहा है।
आटे का कट्टा 320-330 रुपए का था वह कुछ स्थानों पर 500 रुपए का बिक रहा है। लोकल आटा आम इंसान 25 रुपए किलो खरीद रहा था, उसके दामों में भी दस रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी होना साफ दर्शा रहा है कि किस तरह से जमाखोर कालाबाजारी का खुला तांडव कर रहे है। एक दुकानदार ने बताया कि जिन दालों के रेट 120 रुपए प्रति किलो थे उसमें रिटेल में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है।
अभी भी वक्त है जागो सरकार
यहाँ तक की काला बाजारी करने वाले 10 रुपये में मिलने वाली gold flake की सिगरेट को 12 रुपये में बेच रहे है। ये तो मात्र कुछ उदहारण है सरकार की लापरवाही के। ऐसे हालातों से विभागीय अधिकारिओं का कुछ नहीं बिगड़ता ,फ़जीहत जनता की होती है और ,बदनामी सरकार की ,अभी भी वक्त है जागो सरकार ,अब तो जाग जाओ।
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