उत्तराखंड बना देश का चौथा ओडीएफ राज्य

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वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर उत्तराखंड देश का चौथा ओडीएफ राज्य घोषित किया गया है। राज्य में 92 निकाय हैं। सफाई में तकनीकी के मामले में छत्तीसगढ़ भले ही आगे हो, मगर डोर-टू-डोर कलेक्शन मामले में उत्तराखंड बेहतर है। सभी निकायों में चार साल में कूड़ा निस्तारण की बेहतर व्यवस्था कर दी जाएगी। जिससे सड़कों पर कूड़ा नजर नहीं आएगा। यह बात शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने नगर निगम में आयोजित करीब 55 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में कही।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री मदन कहा कि जब पिछली बार भाजपा की सरकार थी तो उन्हें शहरी विकास मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था। इसलिए वह निकायों की आर्थिक स्थितियों से अच्छी तरह परिचित थे। इस बार भाजपा सरकार में उन्होंने सरकार की सामने निकायों के बजट को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा तो बजट में तीन गुना बढ़ोत्तरी की गई। राज्य के 50 ऐसे निकाय हैं, जहां पर वेतन भुगतान और अन्य कार्यों में कोई बकाया नहीं रह गया है। अन्य निकायों की आर्थिक स्थितियां जल्द सुधर जाएंगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय एडीबी में 25 सौ करोड़ रुपये मिले थे, मगर सिर्फ 12 सौ करोड़ ही खर्च हो पाए। उनका कहना है कि निकायों के विकास के लिए एडीबी से करीब दो हजार करोड़ लोन लिया जाएगा। ये फाइनल स्टेज में है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा काशीपुर को दिया जाएगा। जिससे लोगों को मानक के तहत पेयजल, सीवरेज, पार्कों के सौंदर्यीकरण आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। पहले फेज में 10 निकायों का चयन किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के विकास कार्यों का किया बखान

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के विकास कार्यों का बखान करते हुए कहा कि राजनीति में विशाल हृदय होना चाहिए। विकास के लिए सभी पार्षदों को एक साथ होना चाहिए। इस दौरान मेयर ऊषा चैधरी ने निगम से कराए गए विकास कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शहर से लक्ष्मीपुर माइनर गुजरती है। कभी-कभी कोई नहर में गिर जाता है। लोगों की सुरक्षा के लिए 28 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है, मगर अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ। उन्होंने 28 करोड़ का प्रस्ताव और एबीएस सेंटर का बजट जारी कराने की मांग की। इस पर शहरी विकास मंत्री ने समस्याओं का समाधान कराने का भरोसा दिलाया।

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