अल्मोड़ा। लमगड़ा ब्लाक के डोल गांव में त्रिभुवन हरी चैतन्यपुरी महाराज उर्फ भुवन चंद्र फुलारा की हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने मामले की पूछताछ के लिए शक के आधार पर अनेक लोगों का थाने बुलाया। पूछताछ में पुलिस को कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा तो पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। इसी पूछताछ में शामिल एक युवक ने सोमवार को विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद से क्षेत्र में और पुलिस महकमें में हड़कम्प है।
लमगड़ा के विष्णु मंदिर के बाबा त्रिभुवन हरी चैतन्यपुरी महाराज उर्फ भुवन चंद्र फुलारा की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस अनेक पहलुओं से जांच मे जुट गई है। हत्यारों तक पहुंचने के लिए जहां ग्रामीणों से अलग अलग गोपनीय पूछताछ कर रही है वहीं बाबा के मोबाइल फोन को भी खंगालने में लगी है। हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस शक के आधार पर गांव के ही 5 लोगों को थाने लेकर आई थी जहां पर उनसे पूछताछ कर छोड़ दिया गया था। इस पूछताछ में शामिल डोल गांव निवासी युवक नंदन सिंह पुत्र अमर सिंह ने सोमवार को सुबह जहर खा लिया जिसके बाद उसके परिजन उसे लमगड़ा स्वास्थ्य केंद्र ले गये जहां से उसे अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय भेजा गया। बेस अस्पताल में चिकित्सकों ने उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे हल्द्धानी सुशीला तिवारी के लिए रेफर कर दिया। आनन फानन में उसे हल्द्वानी को रवाना किया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद से पुलिस महकमें में हड़कम्प मचा हुआ है वहीं लोगों में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। ज्ञात हो कि 29 सितंबर को बाबा का शव गधेरे से बरामद हुआ था। जिसके बाद ग्रामीणों और बाबा के परिजनो ने उनकी मौत को हत्या बताते हुए पुलिस में तहरीर दी थी। पुलिस ने उक्त मामले में धारा 302 व 201 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु की थी।
एसएसपी ने किया घटना स्थल का निरीक्षण
बाबा की हत्या मामले में सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेनुका देवी जांच टीम के साथ डोल गांव पहुंची और घटना स्थल का मुआयना किया। वहीं उन्होंने मंदिर कमेटी के अध्यक्ष आनन्द सिंह फर्तयाल, पूर्व प्रधान नारायण सिंह, सरपंच रणजीत सिंह फर्तयाल से अनेक जानकारियां हासिल की। एसएसपी ने लमगड़ा थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट और मोरनौला चैकी प्रभारी उनीश अहमद को विभिन पहलुओं से जांच करने के निर्देश भी दिये।