देहरादून। समाजवादी पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर एस एन सचान ने प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी है और उन्होंने कहा कि इसमंे सभी वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है।
45 सदस्य प्रदेश कार्यकारणी में नियुक्त
यहां परेड ग्राउंड स्थित प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि 45 सदस्य प्रदेश कार्यकारणी में नियुक्त किये गये है और तीन उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, चार प्रवक्ता, 20 सचिव, पांच सदस्य, पांच विशेष आमंत्रित सदस्य, कोषाध्यक्ष, ओर एक पदेन सदस्य घोषित किये गये है। उन्होंने कहा कि दल को व्यापक स्तर पर मजबूत कर तीसरी ताकत के रूप में उभरेगी।
उन्होंने कहा कि सपा उत्तराखंड में विकल्प देने की राजनीति कर पिछले बीस वर्षों से कांग्रेस व भाजपा सरकार ने जो राज्य की जनता के साथ धोखा किया है और उसके पलट जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण, पलायन, रोजगार के सकारात्मक मुददों को लेकर जनता के बीच जायेंगें। उन्होंने कहा कि नवम्बर प्रथम सप्ताह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीर अखिलेश यादव द्वारा वर्ष 2002 से 2017 तक जो उत्तर प्रदेश को दिया उसको उत्तराखंड में लागू किये जाने की बात जन जन तक पहुंचाया जायेगा और इसके साथ ही साथ प्रदेश के पर्यटन को विश्व स्तर पर विकसित करने का मॉडल कैसा हो यह भी कहा जायेगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी में एक अतिरिक्त मुख्य सचिव की पद की स्थापना जिसे पूर्ण अधिकार प्रदान किये जाये और प्रशासनिक दृष्टि से तीन मंडलों गढ़वाल, कुमांयु व गैरसैंण विभाजित करने का मार्ग तथा आयुक्तों के स्थाई कार्यालय भी वहीं हो की मांग राज्य सरकार से की जायेगी।
उन्होंने कहा कि पर्वती क्षेत्र में ओबीसी सहित ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत र केन्द्र की सेवाओं में भी पर्वतीय क्षेत्र के ओबीसी को आरक्षण दिलवाये जाने की पहल के साथ संपूर्ण प्रदेश में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछडी जातियों की पहचान कर ओबीसी की श्रेणी में लाना है इसके साथ साथ बहुत सी ऐसी जातियां है जो की हरिद्वार और उधम सिंह नगर में यह ओबीसी है परन्तु पहाड में ओबीसी नहीं है। भी प्रदेश की सरकार ग्रीन बोनस नहीं दिला पाई है ओर प्रतिमाह एक गैस सिलेण्डर, बिजली, पानी राज्यवासियों को दिया जो और जगली जानवरों से मृत्यु पर 25 लाख का मुआवजा व एक व्यक्ति को नौकरी दी जाये और सरकार से इस दिशा में मांग की जायेगी। उन्होंने कहा कि एनएच घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाले पर सरकार चुपा है और इनकी सीबीआई से जांच किये जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर वार्ता म सुभाष पंवार, हेमा बोरा, राजेन्द्र चौधरी, प्रदीप चौधरी, अतुल शर्मा आदि शामिल थे।