Corbett National Park में मनाया सावन का तीसरा बर्थडे

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Corbett National Park

रामनगर: Corbett National Park कार्बेट नेशनल पार्क प्रशासन ने सोमवार को अपने प्यारे और नन्हे बच्चे सावन हाथी का तीसरा बर्थडे धूमधाम से बनाया। सावन का जन्मदिन मनाने के लिए खास तैयारियां की गई थीं। गुड़, ब्रेड, केले से तैयार 130 किलो का केक उसने खाया तो जंगल हैप्पी बर्थडे सावन की शुभकामनाओं से गूंज उठा। वन्य जीवों के संरक्षण के नजरिए से हर साल आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की सराहाना लोग जमकर कर रहे हैं। इस खूबसूरत पल का विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, बच्चे व वन्यजीव प्रेमी बने।

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2019 में दो अगस्त को उसका पहल जन्मदिन मनाया गया था

वर्ष 2017 मेें कर्नाटक से Corbett National Park में नौ हाथी लाए गए थे। इनमेें से एक हथिनी गर्भवती थी। पिछले वर्ष 2018 में दो अगस्त की सुबह उसने बच्चे को जन्म दिया था। सुरक्षित डिलीवरी के लिए आसाम से हेड महावत कालिका को भी बुलाया गया था। तब सावन का नाम शंभू रखा गया था। बाद में बदलकर सावन कर दिया गया । वर्ष 2019 में दो अगस्त को उसका पहल जन्मदिन मनाया गया था। इस बार भी कालागढ़ में सावन का तीसरा जन्मदिन मनाया गया। सावन के बर्थडे पर उसकी मां कंचंभा केअलावा अन्य हाथी करना, गजराज, गंगा को सुबह ही महावतों ने नहलाकर तैयार कर दिया था।

130 किलो का केक खाकर सावन ने अपना जन्मदिन मनाया

केक काटने से पहले सावन का नहलाकर तैयार किया गया। उसे पीला वस्त्र पहनाकर उसके पर हैप्पी बर्थडे लिखा टोपी नुमा कपड़ा पहनाया गया। सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि गेहूं के आटे में गुड़, ब्रेड, कैले से मिलाकर पटेरा घास, दूब घास से निर्मित 130 किलो का केक खाकर सावन ने अपना जन्मदिन मनाया। सभी ने ताली बजाकर सावन को हैप्पी बर्थडे कहा। इसके बाद केक को अन्य हाथियों को खिलाया गया। इस दौरान सीटीआर की उपनिदेशक कल्याणी, एसडीओ कुंदन खाती, पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा, रेंजर राकेश भट्ट मौजूद रहे।

गुब्बारे फूटने से बिदक गया सावन

केक के पास 60 दर्जन केले जगह-जगह पर रंग बिरंगे गुब्बारों के साथ टांगे गए थे। इन केलों को सावन के अलावा सभी हाथियों ने खाया। हालांकि इस दौरान जब गुब्बारे फूटने लगा तो सावन बिदक गया। लेकिन उसके महावत ने उसे मना लिया। सीटीआर के निदेशक राहुल ने कहा कि बेजुबानों का भी प्रकृति में विशेष स्थान है। वन्य जीवों के प्रति सम्मान, संरक्षण की भावना हमेशा होनी चाहिए। इसी मकसद से हर साल वन्य जीवों के संरक्षण व सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित होता है।

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