नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी सुविधाओं का बकाया जमा नहीं करने पर पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं ।
सुप्रीम कोर्ट सुविधाओं के बकाया मामले में पूर्व मुख्यमं
पानी का बकाया व करीब 11 लाख के साथ कुछ धनराशि
त्री विजय बहुगुणा, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के खिलाफ जारी अवमानना के नोटिस पर रोक लगा चुका है, जबकि हाईकोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का बिजली, पानी का बकाया व करीब 11 लाख के साथ कुछ धनराशि और जमा करने पर अपर सचिव दीपेंद्र चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है।
रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटेलमेंट केंद्र (रूलक) की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया छह माह में जमा करने के आदेश पारित किए थे। छह माह में बकाया जमा नहीं करने पर रूलक ने अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने सरकार से पूछा था है कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया है और क्यों नहीं इन पूर्व सीएम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
रूलक संस्था ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संवैधानिक पद पर होने की वजह से संविधान के अनुछेद 361 में नोटिस भेजा था। इसके तहत राज्यपाल व राष्ट्रपति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने से पहले दो माह पहले सूचना देनी आवश्यक होती है। दस अक्टूबर को 60 दिन पूरे होने के बाद रुलक द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई।
याचिका में कहा गया है कि
याचिका में कहा गया है कि मई 2019 में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवासों का किराया व अन्य सुविधाओं का भुगतान छह माह के भीतर करने का आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर आवास व अन्य सुविधाओं का बाजार दर के हिसाब से 47 लाख 57 हजार, 758 रुपये बकाया है।
इसके अतिरिक्त बिजली पानी का बकाया भी है। बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल कोश्यारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। कोश्यारी के अधिवक्ता द्वारा नोटिस रिसीव भी कर लिया गया है।