शहीद शंकर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरा गांव हुआ गमगीन हो गया। 21 कुमाऊँ रेजीमेंट के गंगोलीहाट ब्लॉक नाली गांव निवासी शंकर सिंह पाकिस्तान की फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देने के दौरान शहीद हो गए थे आज उनका उनके निवास स्थान पहुंचा जवान को तिरंगे में लिपटा देखकर पूरा गाँव फूट-फूटकर रोया और दर्द भरे शब्दों में पाकिस्तान मुर्दाबाद हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
शहीद शंकर सिंह अपने पीछे माता-पिता पत्नी और 6 साल के बेटे को छोड़ गए हैं शंकर की शहादत की खबर सुनते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। शहीद का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से गंगोलीहाट तहसील के दाई स्थल हेलीपैड में पहुंचा। यहां सेना ने उन्हें सलामी दी और उनके शव को घर को पहुंचाया। शाम को शहीद शंकर का अंतिम संस्कार किया गया इस दौरान सभी गांववासियों के आंखों में आंसू थे।
जहां शंकर के माता पिता और पत्नी गहरे सदमें में है तो वही 6 वर्ष का उनका मासूम बेटा हर्षित इस परिस्तिथि से अनजान है उसे महसूस नहीं है कि उसके पिता का साया उसके सिर से उठ गया है
देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शंकर सिंह का परिवार का नाता सैन्य परिवार से है शंकर के दादा भगवान सिंह दूसरे विश्व युद्ध की जंग लड़ी थी। तो पिता ने भी सेना को ही चुना। देश की सेवा के बाद वर्ष 1995 में रिटायर हो गए। दादा-पिता ,भाई के नक्शे कदम पर छोटे भाई नवीन ने भी देश सेवा के लिय सेना को चुना। नवीन 7 कुमाऊं में जम्मू-कश्मीर में तैनात है वही 3 महीने पहले शंकर सिंह घर आए थे 1 महीने की छुट्टी के बाद वह फरवरी में यूनिट लोट गए। इस दौरान शिक्षा मंत्री अरविन्द पण्डे ने शहीद के घर पहुचकर दुखी परिवार को संतावना दी