नौकरशाही की कार्यप्रणाली तथा नियमों के पालन में नाफरमानी से सीएम खफा

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राज्य में तीन चैथाई से ज्यादा बहुमत की सरकार होने के बावजूद नौकरशाही अपनी चाल और चरित्र बदलने को तैयार नहीं है। नतीजतन, पिछली त्रिशंकु सरकार की तर्ज पर ही आनन-फानन कैबिनेट बैठक से ऐन पहले नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर अहम प्रस्ताव लाए जा रहे हैं। कई प्रस्तावों को तो कैबिनेट में पेश करने की जरूरत तक महसूस नहीं की जा रही है। इन्हें सीधे मुख्यमंत्री के सामने विचलन से मंजूरी के लिए रखा जा रहा है।

कई मर्तबा मुख्य सचिव को भी इस बारे में पता नहीं होता। इस वजह से राज्यपाल को भी कैबिनेट की संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी देने में अड़ंगा लग रहा है। महकमों और उनके मुखियाओं की कार्यप्रणाली तथा नियमों के पालन में नाफरमानी से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद खफा हैं।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस मामले में रोष जताते हुए सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और प्रभारी सचिवों को सख्त हिदायत जारी की है। साथ में कैबिनेट बैठक से सात दिन पहले अनिवार्य तौर पर प्रस्ताव देने के आदेश दिए हैं।

नौकरशाही के रुख पर मंत्रिमंडल भी जता चुके नाराजगी

प्रदेश की दशा-दिशा और रीति-नीति तय करने को लिए जाने वाले अहम फैसलों को लेकर महकमों और नौकरशाहों का अंदाज चैंकाने वाला है। नौकरशाही के रुख पर मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के पत्र ने एक बार फिर नौकरशाही के रुख को बेपर्दा कर दिया है।

प्रदेश हित में होने वाले फैसलों और प्रस्तावों को लेकर जितनी गंभीरता और तत्परता दिखाई जानी चाहिए, उसे लेकर लापरवाही बरती जा रही है। पिछली कांग्रेस सरकार में भी यही सबकुछ पूरे पांच साल जमकर हुआ। तत्कालीन मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने भी कैबिनेट के प्रस्तावों को तैयार करने के साथ ही उन्हें बैठक में रखने से पहले परामर्शी विभागों को अनिवार्य रूप से भेजने के निर्देश दिए थे।

प्रस्तावों को विचलन के जरिये सीधे मुख्यमंत्री से अनुमोदित कराने के परंपरा पर भी तब खुद मुख्य सचिव ने सवाल खड़े किए थे। परामर्शी महकमों की राय बेमायने मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि सामान्य रूप से प्रशासकीय विभागों की ओर से कैबिनेट में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्ताव गोपन को एक दिन पहले या उसी दिन बैठक के समय उपलब्ध कराए जाते हैं।

विचलन के बाद कैबिनेट में रखें प्रस्ताव मुख्य सचिव ने अन्य आदेश में विचलन के माध्यम से अनुमोदन को भेजे जाने वाले प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री की अप्रसन्नता का उल्लेख करते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने की ताकीद की है। विचलन से आने वाले प्रस्तावों को बाद में नियमों के मुताबिक कैबिनेट की अगली बैठक में अनिवार्य रूप से गोपन के माध्यम से प्रस्तुत करने को कहा है।

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