बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य व महिला क्रिकेटर एकता को सोबन सिंह जीना अवार्ड
अल्मोड़ा। उत्तर प्रदेश में पर्वतीय विकास मंत्री रह चुके स्व. सोबन सिंह जीना की 110 वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए जिले भर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान जहां सोबन सिंह जीना परिसर में लगी उनकी मूर्ति पर माल्र्यापण किया गया वहीं रैमजे इंटर कालेज में गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें मेघावी छा़त्रों को सम्मानित किया गया। वहीं महिला क्रिकेट खिलाड़ी एकता बिष्ट एवं बेडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को सोबन सिंह जीना एवार्ड से नवाजा गया।
रेमजे इंटर कालेज में हुई गोष्ठी के प्रारम्भ में स्व. सोबन सिंह जीना के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि स्व. जीना एक महान समाज सुधारक तो थे ही साथ ही वह एक अच्छे राजनेता व विद्धान अधिवक्ता थे। कहा गया कि सोबन सिंह जीना के विजन के अनुसार सरकार अगर कार्य करे तो प्रदेश का चहुमुखी विकास हो सकता है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि जीना जी का विजन था कि पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ में हो और उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण बने जिसे सरकार ने बना देना चाहिए क्योकि वर्तमान में केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकार है। उन्होंने कहा कि समिति उत्तराखंड राज्य की राजधानी गैरसैण बने इसके लिए कार्य करेगी। कार्यक्रम में बोर्ड परीक्षा के मेधावी छात्रों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वहीं देश के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन व महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट को सोबन सिंह जीना अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीना जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह रौतेला ने की। इस मौके पर मुख्य संयोजक एडवोकेट गोविंद सिंह भंडारी, मुख्य अतिथि आनंद सिंह बगडवाल, उलोवा के केंद्रीय अध्यक्ष डा. शमशेर सिंह बिष्ट, उत्तराखंड परिर्वतन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, शोभा जोशी, एडवोकेट मदन लाल साह, दया कृष्ण कांडपाल, जीवन मेहता, पूरन चंद्र तिवारी, हयात सिंह रावत, रवि रौतेला, विनीत बिष्ट समेत कई संगठनों के लोग मौजूद रहे।
जीना के गांव सुनोली में भी हुए कार्यक्रम
सोबन सिंह जीना के गांव सुनौली में भी उनकी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि स्व. जीना जी ग्राम्य विकास के स्पष्ट पक्षधर थे जिसके कारण उन्होंने पहाड़ के विकास के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम 1980 तथा बिंसर वन्य जीव विहार की पुरजोर खिलाफत भी की थी। वक्ताओं ने उनकी स्मृति में बने पुस्तकालय और संग्रहालय में एक स्थाई कर्मचारी की तैनाती की मांग सरकार से की गई। उनके पैतृक गांव में जहां पिछले वर्ष भाजपा के अनेक नेता पहुचे थे वहीं इस वर्ष गिने चुने नेता ही दिखाई दिये। विगत वर्ष उनकी जयंती पर अनेक नेता आये और उनमें से कुछ नेताओं ने जयंती को भव्य रुप से मनाये जाने की बात भी कही लेकिन इस बार सरकार में पद लिए बैठे वह लोग इस बार नदारत रहे।
जिला बार में अधिवक्ताओं ने भी किया याद
जिला बार एसोसिएशन कार्यालय में भी स्व. जीना की जयंती पर उन्हें याद किया गया। स्व. सोबन सिंह जीना एक विद्धान अधिवक्ता के रुप में भी जाने जाते है। पहली बार जिला बार एसोसिएशन कार्यालय में उनकी जयंती पर कार्यक्रम किया गया। जिसमें अधिवक्ताओं ने जीना जी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और वकालत में उनकी दक्षता के अनेक प्रसंगों को बताया। वहीं अधिवक्ताओं ने उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम में बार के अध्यक्ष महेश परिहार, भूपेंद्र सिंह, गोविंद भंडारी, केवल सती, गोविंद लाल वर्मा, भुवन बहुगुणा, पूरन कैड़ा, विनोद पंत, चामू गस्याल, पंकज लटवाल, महेश चंद्र, गोकुल जोशी, मदन लाल, बलवंत भाकुनी आदि मौजूद रहे।