चमोली जिले के एक गांव के पास पहाड़ी दरकने से दो घर जमींदोज हो गए, जबकि 10 घरों में मलबा घुस गया। गांव जाने वाला रास्ता भी मलबे में दब गया है। दहशतजदा ग्रामीणों ने गांव के से दूर सुरक्षित स्थान पर शरण लेकर जागते हुए रात गुजारी। प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
घटना गत रात करीब दस बजे की है। देवाल ब्लाक के झलिया गांव के पास वाली पहाड़ी से गडगड़हाट की आवाज से लोग घबरा कर घरों सें बाहर निकल आए। इतनी देर में मलबा पहाड़ी के पास बने दो मकानों को तोड़ता हुआ दस अन्य मकानों में घुस गया।
ग्रामीण घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे
अफरातफरी के बीच ग्रामीण घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। सुबह ग्रामीणों ने किसी तरह प्रशासन को घटना की सूचना दी। थराली के तहसीलदार माणिक लाल भेंतवाल ने बताया नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम गांव भेजी गई है, लेकिन रास्ता बंद होने के कारण टीम को वहां तक पहुंचने में समय लगेगा। दरअसल, देवाल से गांव तक पहुंचने के लिए सात किलोमीटर पैदल चलना होता है।
ग्राम प्रधान झलिया भागचंद्र सिंह दानू ने बताया कि वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान ही पहाड़ी पर दरारें उभर आईं थीं। प्रशासन ने भी गांव को विस्थापन की श्रेणी में रखा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 के बाद पहाड़ से भूस्खलन नहीं हुआ, लेकिन शनिवार रात यह एकाएक सक्रिय हो गया। बताया कि गांव के खेत-खलिहान मलबे से पटे हुए है और बिजली और टेलीफोन के खंभे भी जमीदोज हो गए हैं।