देहरादून: Uttarakhand Budget पुष्कर सिंह धामी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यानी नमो के दिखाए रास्ते पर ही कदमताल करेगी। युवा मुख्यमंत्री धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष नमो विजन के आधार पर विकास का एजेंडा तैयार करने पर जोर लगाया। अब इस एजेंडे पर कदमताल की तैयारी है।
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लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में बनी सरकार अब मोदी के प्रति भी जवाबदेही की भूमिका में है। सोमवार को राज्यपाल अभिभाषण में सरकार की बीते वर्ष की उपलब्धि और कार्यों के साथ भावी कार्ययोजना को जिस तरह से सामने रखा गया है, उससे यह भी पूरी तरह स्पष्ट हो गया है।
मोदी लहर का प्रभाव चौथे विधानसभा चुनाव के बाद पांचवें विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Budget) में भी उत्तराखंड के मतदाताओं के सिर चढ़कर बोला। जनाकांक्षाओं और अपेक्षाओं के इसी दबाव को महसूस कर प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड का पानी और जवानी प्रदेश के काम नहीं आने के मिथक को तोडऩे के लिए सशक्त उत्तराखंड बनाने का मंत्र धामी सरकार को थमाया।
मुख्यमंत्री ने पिछले एक साल के कार्यकाल में पूरी ताकत झोंकी
वर्ष 2025 में उत्तराखंड जब अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा होगा तो सशक्त प्रदेश बनने का उसका सपना भी धरातल पर उतरता दिखने लगेगा। मोदी के इस मंत्र को सफल बनाने में मुख्यमंत्री धामी ने अपने पिछले एक साल के कार्यकाल में पूरी ताकत झोंकी। पहले केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों के साथ राज्य के विकास की संभावनाओं पर चर्चा के बाद धामी ने बीते नवंबर माह में मसूरी में प्रदेश के वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ उत्तराखंड की दशा-दिशा को सुधारने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया।
धामी मंत्रिमंडल (Uttarakhand Budget) इस कार्ययोजना पर मुहर लगा चुका है। अब अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट से इस कार्ययोजना को मूर्त रूप देने की तैयारी है। सोमवार को भराड़ीसैंण में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अपने अभिभाषण में प्रदेश सरकार की इस कार्ययोजना का जिक्र किया।
देश को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी के लक्ष्य को पाने में उत्तराखंड भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। पूंजीगत खर्च में वृद्धि दर प्राप्त करने के साथ ही अगले पांच वर्षों में प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने का संकल्प अभिभाषण में प्रदर्शित किया गया है।
विशेष यह है कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए विभागवार रणनीति बनाई गई है। वित्त, कार्मिक, कार्यक्रम क्रियान्वयन से लेकर कृषि, डेयरी विकास, मत्स्य, गन्ना विकास, वन, पेयजल, सिंचाई, ऊर्जा, शिक्षा समेत 49 विभाग अब सरकार की ओर सेे नियत एजेंडे पर आगे कदम बढ़ाएंगे। राज्य का राजस्व बढ़ाने से लेकर सरकारी कार्यप्रणाली को जनता के लिए सुलभ, सरल और समाधानयुक्त बनाया जाएगा। नई प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण की इसमें निर्णायक भूमिका रहने जा रही है।
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