देहरादून: उत्तराखंड कन्ट्रोल रूम से प्रदेश के चमोली जिले के मलारी, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी और देहरादून जिले के त्यूणी क्षेत्र के प्रधान और ग्रामवासियों से क्यूडीए से सम्पर्क स्थापित कर प्रणाली का उत्तराखण्ड में शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने एसडीआरएफ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रणाली उत्तराखंड में किसी भी आपदा रूपी संकट के दौरान संजीवनी स्वरूप है जिसके दूरगामी परिणाम अत्यंत सुखद ओर लाभकारी होंगे। सभी ग्रामवासियों ने क्षेत्र को डिजिटल प्रणाली से जोड़ने ओर पूर्व में सेटेलाइट फोन वितरण के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। क्यूडीए से सम्पर्क के दौरान मलारी से श्री मंगल सिंह राणा, श्री शेर सिंह राणा, बच्चन सिह राणा, गुंजी से कुमारी लक्ष्मी, श्रीमती मानवती देवी, श्री संतोष सिंह और त्यूणी से मातवर सिह चैहान, श्री गोविंद शर्मा , श्रीमती अंजली गुसाईं, श्रीमती ममता सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
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शुभारम्भ कर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मलारी, गुंजी और त्यूणी के ग्रामीणों से की बात
प्रदेश के सुदूरवर्ती एवमं सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य के सभी जनपदों में संचार की दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में 248 सेटेलाइट फोन वितरित किये थे। इस काम को को गति और व्यापकता देते हुए एसडीआरएफ द्वारा नवीनतम टेक्नोलॉजी क्यू.डी.ए (क्विक डिप्लोएबल एंटिना) का क्रय किया गया। उत्तराखंड देश में प्रथम राज्य है जो इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है। वर्तमान में देश में एनडीआरएफ और पैरामिलेट्री फोर्सेस ही इसका उपयोग कर रहे हैं।
क्यूडीए एक प्रकार से नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की महत्तम ओर नवीनतम टेक्नोलॉजी है। इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2 मीटर क्यू.डी.ए (वी.एस.ए.टी) एंटीना टर्मिनलों और 1.2 मीटर स्टेटिक (वी.एस.ए.टी बहुत छोटे एपेरचर टर्मिनल) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है। वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वी.एस.ए.टी टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है। 1.2 मीटर क्यू.डी.ए वी.एस.ए.टी एक पोर्टेबल सिस्टम है जो अलग-अलग दूरस्थ क्षेत्रों में तुरंत स्थापित किया जा सकता है सकता है और किसी भी इलाके में स्थापित हो सकता है। साधारण तौर पर यह कह सकते है कि यह टेक्नोलॉजी किसी ऐसे क्षेत्र में जहां किसी प्रकार का संचार का साधन नही है, उपयोग करने पर तत्काल सेटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देता है।
क्यू.डी.ए. ’स्टैटिक ओर मोबाइल’ दो प्रकार का होता है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए किसी भी आपदा के दौरान स्टेटिक क्यू.डी.ए. का एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जोलीग्रांट, एसडीएमए, देहरादून या किसी अन्य उपयुक्त स्थान में स्थापित किया जा सकेगा मोबाइल क्यू.डी.ए. को तत्काल हेलीकॉप्टर की सहायता से सम्बंधित क्षेत्रो में भेजकर स्थापित किया जाएगा। जहां से आपदा के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति एवं नुकसान की जानकारी तत्काल प्राप्त हो सकेगी। साथ ही बचाव के लिए सशक्त योजना के अनेक विकल्प प्राप्त हो सकेंगे। इस प्रणाली के उपयोग से प्रदेश में किसी भी आपदा के दौरान मानव क्षति को कम से कम किया जा सकेगा।
इस अवसर पर सचिव गृह श्री नितेश झा, सचिव आपदा श्री एस.ए.मुरुगेशन, महानिरीक्षक एसडीआरएफ श्री संजय गुंज्याल, एसडीआरएफ सेनानायक श्रीमती तृप्ति भट्ट, सहायक सेनानायक श्री कमल सिंह पंवार, श्री अनिल शर्मा, अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए श्री पीयूष रौतेला उपस्थित थे।
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