उत्तरकाशी। Chardham Yatra 2024 : गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए दो नवंबर को 12:14 पर अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए जाएंगे। उस दिन डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए भगवती मंदिर मार्कंडेय के पास निवास करेगी।
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तीन नवंबर को मां भगवती गंगे की डोली मुखवा में शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो जाएगी। तत्पश्चात मुखवा में मां गंगा के दर्शन सुलभ होंगे।
साधु-संतों के दल ने गंगा स्नान कर किया ध्यान पूजन
गुजरात के स्वामी नारायण गुरुकुल राजकोट से संत स्वामी के नेतृत्व में 60 साधु संतों का समूह उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा (Chardham Yatra 2024) पर हैं। मंगलवार को साधु संतों ने डुंडा के पास गंगा स्नान के साथ ही ध्यान और पूजन भी किया।
सनातन धर्म में नदियों में वस्त्र बहाने की कोई व्यवस्था नहीं है। साधुओं के समूह में आए स्वामी वेदांत स्वरूप ने कहा कि देश की तमाम नदियां खासकर मां गंगा और मां यमुना भगवान की कृतियां हैं। भगवान की विभूति हैं, इन मां समान नदियों को गंदा करने का अर्थ है कि हम भगवान को मैला कर रहे हैं।
संत स्वामी ने कहा कि यमुनोत्री में श्रद्धुलुओं ने भारी मात्रा में वस्त्र यमुना में भेंट किए जा रहे हैं जो कि एक गलत परम्परा है।
सनातन धर्म में नदियों में वस्त्र बहाने की कोई व्यवस्था नहीं
सनातन धर्म में नदियों में वस्त्र बहाने की कोई व्यवस्था नहीं है। साधुओं के समूह में आए स्वामी वेदांत स्वरूप ने कहा कि देश की तमाम नदियां खासकर मां गंगा और मां यमुना भगवान की कृतियां हैं। भगवान की विभूति हैं, इन मां समान नदियों को गंदा करने का अर्थ है कि हम भगवान को मैला कर रहे हैं।
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