देहरादून। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टारलेंस की नीति पर चल रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर आरएफसी कुमाऊं विष्णु सिंह धानिक को बर्खास्त कर दिया गया है। रूद्रपुर, काशीपुर व किच्छा के गोदाम के सत्यापन के दौरान सरकारी राशन (गरीबों का खाद्यान्न) में गंभीर अनियमितताएं और दस्तावेजों में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की गई है।
राइस मिल के तत्कालीन डिप्टी आर.एम.ओ. सहित अन्य सभी संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दो दिन में सख्त कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव एवं आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को निर्देशित किया गया है। बता दें गरीब वर्ग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सस्ता राशन नहीं मिलने एवं घटिया गुणवत्ता की शिकायत मुख्यमंत्री को मिली थी। इस पर मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त को एस.आई.टी. गठित करने के आदेश दिए थे। एस.आई.टी. की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सस्ता राशन उपलब्ध नहीं होने, दस्तावेजों में हेराफेरी किए जाने के साथ कई तरह की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार सामने आया है। यह अनियमितताएं पिछले दो सालों में पाई गई हैं। इससे सरकार को राजस्व में करोड़ांे का नुकसान उठाना पडा है। इस रिपोर्ट की सत्यता परखने के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से आर.एफ.सी. कुमाऊं को बर्खास्त करने के आदेश दिए। रिपोर्ट की प्रारम्भिक जांच के आधार पर प्रमुख सचिव एवं आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने आर.एफ.सी. कुमाऊं को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी प्रकार के विभागीय कार्य प्रभावित न हो इसके लिए अग्रिम आदेशों तक आर.एफ.सी.कुमाऊं का कार्यभार जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को दिया गया है।
जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर डॉ. नीरज खैरवाल ने प्रमुख सचिव एवं आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को दो दिन पूर्व ही जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें हर केन्द्र, खाद्यान्न गोदाम व मंडी स्थल पर गंभीर अनियमितता व खामियां पाई गई। जिससे सरकार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ांे का नुकसान हुआ। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों एवं छोटे काश्तकारों को भी योजनाओं का लाभ नही मिल सका।