नमामि गंगे अभियान की निकाल रहे हवा, मंदाकिनी में ताल ठोककर डाल रहे कूडा

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अगस्तमुनि में मंदाकिनी नदी में नगर पंचायत अगस्तमुनि के वाहन से कूडा डालते कर्मचारी।

देहरादून। केंद्र और उत्तराखंड सरकार मां गंगा की अविरलता और स्वच्छता के लिए बडे-बडे अभियान चलाए हुए हैं। वहीं गंगा और उसकी सहायक नदियों में जिम्मेदार गंदगी ताल ठोककर डाल रहे हैं। सोमवार को इस अभियान से जुडे दो पहलू सामने आए। एक ओर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में इसका सकारात्मक संदेश दे रहे थे, वहीं केदारघाटी की प्रसिद्ध नदी मंदाकिनी जो कि मां गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है उसमें नगर पंचायत अगस्तमुनि जनपद रूद्रप्रयाग के वाहन से समूचे अगस्तमुनि कस्बे का कचरा डाला जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ को जिम्मेदार ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं।
हमारी आस्था से जुडी मां गंगा की स्वच्छता और अविरलता के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर उस मंच से जहां से भी इसका संदेश प्रभावी हो सके आह्वान कर रहे हैं लेकिन पंचायत के वाहनों से ही कूडा-कचरा डालकर अभियान की हवा निकाली जा रही है। सोमवार को परमार्थ निकेतन में सीएम त्रिवेंद्र ने मां गंगा की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए सभी श्रद्धालुओं से नदियों के संरक्षण की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि गंगा को बचाना है तो हमंे उसकी सहायक नदियों को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बूंद-बूंद से घडा भरता है वैसे ही छोटी-छोटी नदियों से मिलकर ही गंगा जैसी महान नदी बनती है। मुख्यमंत्री ने बेटियों और वृक्षों की रक्षा करने का भी आह्वान किया। उन्होंने बेटी के जन्म पर एक पौधा उपहार स्वरूप देकर बेटी के जीवन और वृक्ष के जीवन की रक्षा, उनकी सुरक्षा करने की बात कही। भागवत कथा आयोजकों ने गंगा रक्षा अभियान में एक करोड़ रूपये की धनराशि दान की। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद मुनी उपस्थित थे। उधर, समूचे अगस्तमुनि कस्बे का कचरा और गंदगी नगर पंचायत अगस्तमुनि के वाहन से मां मंदाकिनी जो कि मां गंगा की प्रमुख सहायक नदी है में उडेला जा रहा था।

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