देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखकर लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत ग्राम प्रधान संगठन की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है।
प्रीतम ने पत्र के माध्यम से परेड़ ग्राउंड, देहरादून में लंबे समय से आंदोलनरत प्रदेश के ग्राम प्रधान संगठन की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रदेशभर के ग्राम प्रधान अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं तथा उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आमरण अनशन पर बैठे पंचायत प्रतिनिधियों की सुध नहीं लिया जाना काफी गंभीर विषय है।
प्रीतम ने कहा कि ग्राम प्रधान संगठन की मांगें न्यायोचित हैं। राज्य सरकार को उनकी न्यायोचित मांगें पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त एवं राज्य वित्त से ग्राम पंचायतों को पूर्व में आवंटित धनराशि के स्वरूप में परिवर्तन किया गया है जिससे पंचायतों के माध्यम से होने वाले विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन द्वारा पंचायतों को आवंटित धनराशि के स्वरूप को पूर्व की भंाति यथावत रखे जाने की मांग की गई है। प्रीतम ने कहा कि प्रधानों की मांग पूरी तरह से जायज है। ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त एवं राज्य वित्त से आवंटित धनराशि का स्वरूप पूर्व की भांति यथावत रखा जाना चाहिए।
प्रीतम ने कहा कि राज्य का पंचायतीराज अधिनियम जो विधानसभा से पारित हो चुका है उसे अब तक लागू नहीं किया गया है। ग्राम प्रधान संगठन विधानसभा में पारित पंचायतीराज अधिनियम को शीघ्र लागू किये जाने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर के नगर निकायों के सीमा विस्तार का फैसला लिया गया है जिसमें सम्बन्धित क्षेत्र की जनता एवं पंचायत प्रतिनिधियों की राय को शामिल नहीं किया गया है। पूर्व में नगर निकायों के सीमा विस्तार का मामला विधानसभा में उठा था तथा सरकार द्वारा सदन को आस्वस्त किया गया था कि सीमा विस्तार में पंचायत प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जायेगा, लेकिन सीमा विस्तार में सरकार द्वारा पंचायतों को विश्वास में लिये बिना अग्रिम कार्रवाई की गई है, सीमा विस्तार में पंचायतों के प्रतिनिधियों की सहमति ली जानी चाहिए।