देहरादून। उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। उत्तराखंड केमुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के अनुसार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों को खुलेंगे, मगर फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी। परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले दिनों में स्थानीय निवासियों को अनुमति देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी ने कहा कि
धामों के कपाट निर्धारित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है। गढ़ी कैंट स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चार धामों में केवल तीर्थ पुरोहितों को ही नियमित पूजा पाठ की अनुमति होगी। चारधाम यात्रा की किसी को अनुमति नहीं होगी, केवल तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे। स्थानीय जिले के निवासी भी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि नियमित समय पर ही चारधाम के पट खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे बाकी देश के लोग के लिए चारधाम यात्रा अभी बंद है। कहा कि पूरे देश में इस समय कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे समय में सरकार पूरी तरह से सजग है और इसी क्रम में तय हुआ है कि अभी चारधाम यात्रा को स्थगित रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोग की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के केदारनाथ के कपाट 17 मई और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे
बता दें कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पहले ही घोषित की जा चुकी है। केदारनाथ के कपाट 17 मई और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे।
अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित। मुख्यमंत्री @TIRATHSRAWAT के अनुसार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों को खुलेंगे, मगर यात्रा स्थगित रहेगी। @JagranNews pic.twitter.com/XKeuOew95s
विश्व विख्यात भगवान बदरीनाथ मंदिर के 18 मई को कपाट खुलने से पहले नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिनों ने भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिल का तेल पिरोया। जिसके बाद तिल के तेल का यह कलश (गाडू घड़ा) को बदरीनाथ धाम के लिए पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से रवाना कर दिया गया है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रचार अधिकारी हरीश गौड़ ने बताया कि नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर भगवान बदरी विशाल की ज्योति में जलने व लेपन में उपयोग किए जाने वाले, तिल के तेल को पूजा अर्चना के साथ विधि विधान से टिहरी सांसद महारानी राज्य लक्ष्मी शाह व पंडित शिवानंद जोशी के संचालन में निकाला गया।
डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा
जिसके बाद तिल तेल के गाडू घड़े को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया। जो गाडू घड़े को आगामी 17 मई की शाम को लेकर बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। इससे पहले यह घड़ा डिमर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में पहुंचेगा। इस तेल गाडू घड़े को राज महल में डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि पंकज डिमरी, नरेश डिमरी, दिनेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी, अंकित एवं अरविंद डिमरी को सौंपा गया। यह सभी लोग बुधवार की शाम को ही तेल कलश को लेने के लिए नरेंद्रनगर पहुंच गए थे। हरीश गौड़ ने बताया कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुपालन में तेल कलश यात्रा जो नरेंद्र नगर के बाद ऋषिकेश से नगर होते हुए डिमरगांव पहुंचती थी, को स्थगित कर दिया गया है। अब सादगी पूर्ण तरीके से डिमर गांव पहुंचेगा।
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