वायु प्रदूषण से राजधानी दिल्ली में थोड़ी हल्की राहत

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नई दिल्ली। उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से भले ही आज यानी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में थोड़ी हल्की राहत है, लेकिन आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण में इजाफा हो सकता है। पिछले दिनों से लगातार लोगों को प्रदूषण से हो रही परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। घर से बाहर निकलते ही लोगों को आखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हवा की गुणवत्ता भी प्रत्येक दिन खराब हो रही है। भले ही लगातार छह दिनों तक गंभीर स्तर का प्रदूषण झेल रहे दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को बुधवार को राहत मिली हो, लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है।

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यही नहीं बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। यही वजह है कि एनजीटी ने पूरे देश में त्योहारों पर पटाखे जलाने पर रोक लगा दी थी, हालांकि इस फरमान में ऐसे राज्यों को 2 घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दी गई थी, जहां पर हवा की गुणवत्ता सही है। आइए उत्तर भारत के राज्यों में वायु प्रदूषण की ताजा स्थिति क्या है।

दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग से मिली राहत

दिल्ली-एनसीआर के लोग पिछले काफी दिनों से गंभीर वायु प्रदूषण झेल रहे थे ऐसे में बुधवार को यहां पर प्रदूषण से लोगों को थोड़ी राहत मिली थी। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 132 प्वाइंट नीचे आ गया और 476 से गिरकर 344 हो गया था। पीएम 2.5 का स्तर भी गिरकर 154 व पीएम 10 स्तर 285 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया। एनसीआर के शहरों में भी इंडेक्स में खासी कमी दर्ज की गई थी। जानकारों के मुताबिक,हवा की रफ्तार बढ़ने से यह स्तर गिरा है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि शुक्रवार को हवा की रफ्तार कम होने और दिशा बदलने के साथ ही एक्यूआइ फिर से बढ़ने लगेगा।

यूपी के मुरादाबाद में छाई रही धुंध

यूपी के मुरादाबाद में भी वायु प्रदूषण में कोई कमी नही आई है। आज यानी गुरुवार सुबह को मुरादाबाद में धुंध छाई रही, जिसके चलते लोगों को बाहर निकलने पर सांस लेने में मुश्किल हो रही है। बता दें कि एनजीटी ने यहां पर भी बढ़ते प्रदूषण के चलते पटाखों जलाने पर बैन लगाया है।

राजस्थान में प्रदूषण की ताजा स्थिति

राजस्थान में प्रदूषण का स्तर दो दिन से लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी जयपुर में प्रदूषण का स्तर तीन गुना तक बढ़ गया है। जयपुर में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 300 के आसपास बना हुआ है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 पर पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अलवर के औद्योगिक टाउन भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर 450 से ज्यादा है, वहीं जयपुर के शाहपुरा में 330 से ज्यादा प्रदूषण है। वायु प्रदूषण का स्तर लगातार इतना ज्यादा बने रहना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।

अवस्थापना सुविधाओं के विकास की प्लानिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित

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