जानें … पर्यावरण संरक्षण एवं वन तथा वन्य जीव संरक्षण के लिए क्या हैं नागरिकों के उत्तरदायित्व

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण, श्रम सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में जलवायु परिवर्तन विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में प्रतिभाग किया। कान्फ्रेस की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा की गई। विश्व स्तर पर वर्ष 1972 में आयोजित ‘स्टाकहोम सम्मेलन’ मानव एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुठी पहल थी। भारत सरकार द्वारा संविधान में संशोधन कर पर्यावरण संरक्षण को सम्मिलित किया। संविधान की अनुसूची-48। तथा अनुसूची-51। में पर्यावरण संरक्षण एवं वन तथा वन्य जीव संरक्षण के लिए नागरिकों के उत्तरदायित्व निर्धारित हैं। ‘स्टाकहोम सम्मेलन’ के फलस्वरूप देश में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम-1974, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम-1981 तथा पर्यावरण (सरंक्षण) अधिनियम, 1986 लागू किये गये। इसके संबंध मंे पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन पर चर्चा की गई। बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा एवं विभिन्न राज्यों के मंत्रियों एवं उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण डॉ रणबीर सिंह व अन्य राज्य के सचिव उपस्थित थे।]]>