कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन का छठा दिन

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच रस्साकशी चल रही है। इस बीच गाजीपुर में एक बेहद दिलचस्प नजारा दिखा है जहां किसानों ने एक लाइन खींचकर एक तरफ सेक्शन 144 तो दूसरी तरफ सेक्शन 288 लिख दिया है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन का छठा दिन किसानों का कहना है कि पुलिस अगर किसानों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा 144 का इस्तेमाल करेगी तो हम भी उससे दोगुनी धारा 288 लगा देंगे।

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राकेश टिकैत ने कहा कि

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से भारी संख्या में किसान आने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘जब तक सरकार हमसे बातचीत करके कानून में बदलाव नहीं लाती है तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में और किसानों के कई जत्थे यहां पहुंचेंगे। अगर पुलिस सेक्शन 144 लगाएगी तो हम सेक्शन 288 लगा देंगे। हम बैरिकेड के इस तरफ प्रदर्शन करेंगे और पुलिस यहां नहीं आ सकेगी।’

दिल्ली जाने वाली हर गली-हर सड़क होंगे ब्लॉक!

उधर, बीकेयू के उपाध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि वो 3 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं जिस दिन सरकार से बातचीत होनी है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर सरकार बातचीत नहीं करेगी तो हम एनएच 24 का हर लेन, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और सभी दूसरे महत्वपूर्ण हाइवेज को ब्लॉक कर देंगे। दूसरे किसान संगठन दिल्ली जाने वाली हर सड़क चॉक कर देंगे।’

प्रदर्शन का छठा दिन

दरअसल, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन छठे दिन में प्रवेश कर गया है। पांचवें दिन किसानों के कई संगठन बागपत और उत्तराखंड के कई इलाकों से यूपी गेट पहुंचे। प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने पर आमदा हैं, लेकिन भारी पुलिस बल की बदौलत हर बार उनकी कोशिश नाकाम कर दी जा रही है।

गाजीपुर बॉर्डर पर चार स्तरीय बैरिकेड

दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है और चार लेयर का बैरिकेड लगा दिया है। सीमेंट के भी कुछ बैरिकेड लगा दिए गए ताकि किसान उन्हें हटाकर आगे नहीं बढ़ा सकें। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि 300 से अधिक पुलिस बलों को सिर्फ गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘वो (प्रदर्शनकारी) हर दूसरे-तीसरे घंटे बैरिकेड तोड़कर राजधानी में प्रवेश की कोशिश करते हैं। लेकिन हम उन्हें हर बार वापस भेज रहे हैं।’

सेक्शन 288 का मतलब

बहरहाल, किसान नेता ने सेक्शन 288 के इस्तेमाल की बात इस सेंस में की कि प्रदर्शनकारी पुलिस के मुकाबले दोगुनी ताकत रखते हैं। धारा 144 के तहत प्रशासन को कहीं पर भी भीड़ जुटने से रोकने का अधिकार प्राप्त है। जिस इलाके में सेक्शन 144 लगाने का ऐलान किया जाता है, वहां एक साथ तीन से ज्यादा व्यक्ति के जमा होने की मनाही रहती है। इसका उल्लंघन करने पर इकट्ठा हुए लोगों पर कानूनी-कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

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