देहरादून। Uttrakhand CM Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चमोली दौरा खराब मौसम के चलते रद हो गया है, जिसके बाद ने सड़क मार्ग के जरिए उत्तरकाशी पहुंचे और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने आपदा प्रभावितों का हाल भी जाना। साथ ही प्रभावित मांडो गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के जिलाधिकारी को निर्देश दिए।
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Uttrakhand CM Dhami: का गोपेश्वर दौरा रद्द
हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गोपेश्वर दौरा रद्द हो गया। पुष्कर सिंह धामी 21 जुलाई से चमोली जिले के दो दिवसीय दौरे पर गोपेश्वर पहुंचने वाले थे। मौसम खराब होने के कारण बुधवार को यह दौरा रद्द किया गया है।
बुधवार को मुख्यमंत्री ने यहां आपदा पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने मांडो गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री धामी ने ग्रामीणों की मांग पर डीएम को मांडो गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री के साथ जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी भी हैं।
Uttrakhand CM Dhami: ने उत्तरकाशी में मांडो गांव का स्थलीय निरीक्षण किया
सीएम धामी ने उत्तरकाशी में मांडो गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। सीएम ने परिजनों से कहा कि राज्य सरकार से उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी भी हैं।
आपको बता दें इससे पहले सीएम रावत को आज चमोली जाना था, जहां उन्हें कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के साथ ही जिला संघ कार्यालय में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट करने, कोठियालसैंण में चमोली जिला भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में शिरकत, दोपहर में साइंस पार्क का निरीक्षण, व्यापार संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने समेत अन्य कार्यक्रम थे।
जिलों की समस्याएं शासन में आईं तो अधिकारी जवाबदेह: मुख्यमंत्री
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों को ताकीद किया है कि तहसील और जिला स्तर की समस्याएं शासन में आई तो इसके लिए संबंधित जिले का अधिकारी जवाबदेह होगा। उन्होंने कहा कि आमजन को अपनी समस्या के समाधान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए। जनहित के कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
तहसील स्तर की समस्या का समाधान तहसील में और जिला स्तर की समस्या का समाधान जिलों में हो। यदि जिला स्तर की शिकायत शासन में आएगी तो संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी इसके लिए जवाबदेह होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलों और जिलों में कोई पेंडेंसी नहीं होनी चाहिए। जीरो पेंडेसी सरकार का मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों मानसून से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। कहा कि किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हों। रेस्पोंस टाइम को कम से कम किया जाए। कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
एजेंसियों के बीच संवादहीनता नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो। किसी तरह का कम्यूनिकेशन गैप न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है। समय समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए। आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे। अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितों को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाइयों की उपलब्धता हो। संचार की सुचारु व्यवस्था हो।
विस्थापन के कार्यों में देरी न हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उनमें प्रक्रियाओं में किसी तरह का विलंब न हो। रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जिओलॉजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरों का उपयोग करें ताकि आम लोगों तक राहत जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली।
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