Trivendra Singh Rawat meets PM: राज्य के विषयों को लेकर 45 मिनट तक हुई चर्चा

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देहरादून: Trivendra Singh Rawat meets PM   पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। साथ ही उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने के लिए पूर्व मुख्‍यमंत्री ने प्रधानमंत्री (Trivendra Singh Rawat meets PM) का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री से राज्य के विषयों को लेकर करीब 45 मिनट तक चर्चा हुई।

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भू-कानून समिति की संस्तुतियों पर राजनीति कर रही कांग्रेस

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि भू-कानून समिति की संस्तुतियों को लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है। एक बयान में उन्होंने कहा कि इस विषय पर बयानबाजी करने से बेहतर तो यह होता कि कांग्रेस अपने सुझाव सरकार को सौंपती, ताकि जनता भी जान सके कि भू-कानून को लेकर कांग्रेस की सोच क्या है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया और जब धामी सरकार इस पर निर्णायक कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ रही है तो कांग्रेस के नेता आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग में कंट्रोल स्थापित

हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग के यहां लाडपुर स्थित मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सहायक आयुक्त राजकुमार शर्मा कंट्रोल रूम के प्रभारी और मदन लाल सह प्रभारी होंगे।

कोटद्वार में अवैध खनन पर सख्ती से लगे रोक: धीरेंद्र प्रताप

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में नदियों में हो रहे अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए। सुखरौ नदी पर बने पुल का एक पिलर इसी कारण धंस गया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से उनके विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में अवैध खनन पर रोक लगाने को सख्त कार्रवाई की मांग की है।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद क्षेत्रीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष का नदियों में अवैध खनन को गंभीरता से लेना ढकोसला है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार की नदियों में सत्तारूढ़ पार्टी, विभागीय अधिकारियों और खनन में शामिल अवैध कारोबारियों का गठजोड़ बना हुआ है। इस कारण किसी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं होती और बैठकों की रस्म अदायगी की जाती है। उन्होंने खनन रोकने को छापामारी अभियान चलाने की मांग भी की है।

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