शनिवार को श्रीनगर में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकी समर्थक भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेरकर पत्थरों से हमला कर दिया। पथराव, मारपीट व आगजनी पर उतारू भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। हिंसा में 20 लोग घायल हुए हैं। इन मौतों से उत्पन्न हालात पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निर्देश पर प्रशासन ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
लोगों ने आतंकी फिरदौस अहमद के लगा रखे थे पोस्टर
हुर्रियत समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप ने शोपियां घटना के खिलाफ रविवार को कश्मीर बंद का एलान किया है। जानकारी के अनुसार, 24 जनवरी को दो स्थानीय आतंकियों फिरदौस व समीर के मारे जाने के बाद से ही शोपियां में तनाव बना हुआ है। शनिवार को भी पूरे इलाके में हड़ताल थी। गनवनपोरा में लोगों ने आतंकी फिरदौस अहमद के पोस्टर लगा रखे थे। सुबह सेना के जवानों का एक दल गांव में आया था और उसने आतंकियों के पोस्टर उतार दिए। इससे आतंकियों के समर्थक स्थानीय युवक बहुत उत्तेजित थे।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि दोपहर को गनवनपोरा चैक से सेना के जवानों का एक दल अपने वाहनों में गुजर रहा था। वहां अचानक 100-150 युवकों की भीड़ ने सैन्य काफिले पर भीषण पथराव शुरू कर दिया। कुछ ही देर में हिंसक तत्वों की संख्या दोगुनी हो गई। भीड़ ने सैन्य काफिले में शामिल पीछे के चार वाहनों को चारों तरफ से घेर लिया। इस दौरान एक जेसीओ के सिर पर पत्थर लगने से वह अचेत होकर नीचे गिर पड़े। इसके अलावा छह अन्य जवान भी जख्मी हो गए। भीड़ ने सैन्य वाहनों को आग लगाने का प्रयास करते हुए अचेत पड़े जेसीओ को घसीटते हुए उसका हथियार भी छीनने की कोशिश की।