एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक चरमपंथी संगठन अल-कायदा ने भारत प्रशासित कश्मीर में नए जिहादी गुट के गठन की घोषणा की हैl नए गुट का नाम ‘अंसार ग़ज़वात-उल-हिंद’ है और इसकी कमान एक स्थानीय चरमपंथी कमांडर ज़ाकिर मूसा को सौंपी गई हैl
ज़ाकिर मूसा इससे पहले चरमपंथी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ थाl कहा जाता है कि पिछले साल बुरहान वानी के सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसने कश्मीर में हिज़बुल की कमान संभाली थीl
कौन है ज़ाकिर मूसा?
मूसा की उम्र 20 से 30 के बीच बताई जा रही हैl कश्मीरी चरमपंथियों की नई पौध की नुमाइंदगी करने वाले मूसा अपने मैसेज सोशल मीडिया के ज़रिए फैलाने में माहिर माना जाता हैl
मूसा का असली नाम ज़ाकिर रशीद भट है लेकिन मीडिया में उन्हें ज़ाकिर मूसा के नाम से जाना जाता है. एक बेहद पढ़े-लिखे परिवार से आने वाले मूसा ने चंडीगढ़ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थीl
ये साल 2013 की बात हैl फिर वो कश्मीर में हिज़बुल मुजाहिदीन का हिस्सा बन गए और कई रिपोर्टों में इस ओर इशारा किया गया है कि मूसा में जिहादी भावना कूट-कूट कर भरी थीl
बुरहान वानी की मौत के बाद मूसा को मीडिया में कश्मीरी चरमपंथ की नई नस्ल का पोस्टरब्वॉय क़रार दिया गया.
यहां तक कई रिपोर्टों में बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के मूसा को बुरहान वानी का उत्तराधिकारी और हिज़बुल मुजाहिदीन का अगला नेता बताया गयाl
इस साल 8 मई को कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर के संघर्ष का कथित इस्लामिक स्टेट या अल-क़ायदा से कोई रिश्ता नहीं हैl
इसके बाद मूसा की तरफ से घाटी के अलगाववादी नेताओं को चेतावनी दी गई कि अगर उन्होंने कश्मीर को ‘धार्मिक’ की जगह सियासी मुद्दा बताया तो उनका सिर कलम कर दिया’ जाएगाl
फिर मूसा पर इस धमकी को वापस लेने का दबाव बना, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद 13 मई को मूसा ने हिज़बुल से अपने रिश्ते तोड़ लिए थेl
मूसा ने कहा था कि वो ‘एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के लिए अपनी शहादत’ नहीं देगा
26 जुलाई, 2017 को अल-क़ायदा समर्थक मीडिया प्रतिष्ठान ‘ग्लोबल इस्लामिक मीडिया फ्रंट’ ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक स्टेटमेंट जारी किया. बयान में कश्मीर में एक नए जिहादी गुट ‘अंसार ग़ज़वात-उल-हिंद’ के गठन की घोषणा की गईl
स्टेटमेंट के अनुसार इसकी स्थापना बुरहान वानी के साथियों ने की है और ज़ाकिर मूसा इसकी कमान संभालेंगेl हाल के दिनों में कश्मीर में सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज़ हुआ हैl कुछ मामलों में तो प्रदर्शनकारियों के हाथों में इस्लामिक स्टेट के झंडे देखे गए हैंl
आईएस समर्थक चरमपंथियों की सोशल मीडिया पर बढ़ती सक्रियता भी नोटिस की जा रही है. सोशल मीडिया के संदेशों में कश्मीर में इस्लामिक स्टेट से सहानुभूति रखने वाले चरमपंथियों से एक झंडे तले आने और ‘जंग की तैयारी’ की अपील की जा रही हैl