SIMI Ban : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा 

362

नई दिल्ली। SIMI Ban :  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। ये हलफनामा स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर लगे प्रतिबंध को लेकर दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सिमी पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया है। केंद्र ने कहा है कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है।

Delhi Assembly : नोटों की गड्डी लेकर विधानसभा पहुंचे AAP विधायक

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

केंद्र ने SC से कहा कि कोई भी संगठन जिसका उद्देश्य भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना है, उसे अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। केंद्र ने आगे कहा कि उन्हें हमारे धर्मनिरपेक्ष समाज में कायम रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

‘देश के कानूनों के विपरीत हैं सिमी के उद्देश्य’

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को इस हलफनामे पर विचार किया। केंद्र ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया कि सिमी के उद्देश्य देश के कानूनों के विपरीत हैं, क्योंकि संगठन का उद्देश्य इस्लाम के प्रचार में छात्रों और युवाओं को जुटाना और जेहाद के लिए समर्थन प्राप्त करना है।

अवैध गतिविधियों में लिप्त था सिमी

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमने इस बात पर जोर दिया कि कई सालों तक प्रतिबंधित (SIMI Ban) रहने के बावजूद सिमी ने विभिन्न संगठनों के माध्यम से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहना जारी रखा है, इसलिए उसके खिलाफ एक नया प्रतिबंध लगाया गया।

भारत के लिए खतरा है सिमी

केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि 27 सितंबर 2001 से प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद सिमी के कार्यकर्ता आपस में जुड़े हुए हैं और बैठकें भी कर रहे हैं। साथ ही वह षड्यंत्र में भी शामिल हैं। इसके अलावा हथियार और गोला-बारूद भी हासिल कर रहे हैं और ऐसी गतिविधियां कर रहे हैं, जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डाल सकती हैं।

केंद्र ने याचिका को खारिज करने की मांग की

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सिमी पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करे। वहीं, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने केंद्र के हलफनामे पर इस आधार पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। केंद्र की ओर से पेश वकील ने भी स्थगन की मांग की है। फिलहाल कोर्ट ने दोनों वकीलों के अनुरोध पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

Uttarakhand Health Worker Result : महिला हेल्थ वर्कर्स के 824 पदों के रिजल्ट जारी

Leave a Reply