यमुना एक्‍सप्रेस-वे सड़क हादसे: इस साल हुईं अब तक की सबसे ज्‍यादा मौतें

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आगरा:इस साल सितंबर तक 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्‍सप्रेस-वे पर कुल 153 मौतें दर्ज हुई हैं। साल 2012 में जब से यह एक्‍सप्रेस-वे शुरू हुआ है, यह अब तक की सबसे बड़ी संख्‍या है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में यमुना एक्‍सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने दी है।

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वकील और आरटीआई कार्यकर्ता किशन चंद जैन ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी। इसमें YEIDA की ओर से बताया गया कि 31 जुलाई 2019 तक हुए 357 सड़क हादसों में कुल 145 लोगों की मौत हुई और 822 लोग घायल हुए हैं। इसके बाद अभी तक चार और सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें आठ और लोग मारे गए। इस हिसाब से यह आंकड़ा 153 का है।

साल 2012 से अब तक 963 मौतें हुईं

YEIDA ने यह भी खुलासा किया है अगस्‍त 2012 में हुए एक्‍सप्रेस-वे के उद्घाटन के बाद से कुल 963 लोग सड़क हादसों में मारे जा चुके हैं। आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि इनमें से 1,239 हादसे ओवरस्‍पीडिंग की वजह से हुए, 682 टायर फटने की वजह से हुए, 243 घने कोहरे की वजह से हुए और 3,700 दूसरे कारणों की वजह से।

‘अधिकारियों में सख्‍त नियम लागू करने की इच्‍छाशक्ति नहीं’

अपना नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्‍ठ सरकारी अफसर ने बताया, ‘हाल ही में हुई एक मीटिंग में एक प्रस्‍ताव रखा गया था कि अगर कोई गाड़ी ओवर स्‍पीडिंग करते हुए या खतरनाक तरीके से चलती हुई पाई जाए तो उसे कम से कम एक घंटे के लिए किसी टोल प्‍लाजा पर जब्‍त कर लिया जाए। लेकिन इस प्रस्‍ताव को यह कहते हुए नकार दिया गया कि मोटर वीइकल ऐक्‍ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसी तरह के उपाय थोड़े-बहुत संशोधनों से साथ लागू किए जा सकते हैं, पर अधिकारियों में ऐसा करने की इच्‍छा शक्ति नहीं है।’

ड्राइवरों के लिए हो सोने का बंदोबस्‍त

वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया, ‘इन सब बातों के अलावा, गाड़ी चलाते समय ड्राइवर को नींद आने से भी अधिकांश सड़क हादसे होते हैं। सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए कि जिससे लंबी दूरी तय करने वाले ड्राइवरों के लिए सफर के दौरान ठीक से आराम करना अनिवार्य कर दिया जाए। इसके लिए या तो सोने की व्‍यवस्‍था की जाए या फिर ऐसे ड्राइवरों के लिए एक्‍सप्रेस-वे और नैशनल हाइवे पर सस्‍ते होटल उपलब्‍ध कराए जाएं।’

विदेशों के उदाहरण देते हुए उन्‍होंने बताया, ‘अमेरिका जैसे देशों में ट्रैफिक पुलिसकर्मी ट्रक ड्राइवरों को रोक कर उनका ट्रैवल लॉग देखते हैं। अगर उन्‍हें लगता है कि ड्राइवर की नींद पूरी नहीं हुई है तो वे उसे फौरन आराम करने के लिए कहते हैं। कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया जाता है ताकि नियमों का पालन किया जाए।’

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