अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में रोबोट ऑपरेशन करेगा। जर्मन में बनी दा विंची रोबोट मशीन एम्स में लगा दी गई है। देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध है। रोबोट से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते हैं।
ऋषिकेश एम्स अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होता जा रहा है। अब संस्थान में रोबोटिक सर्जरी भी उपलब्ध हो गई है। हाई डेफिनिशन थ्री-डी प्रणाली से लैस मशीन से हार्ट, कैंसर, प्रोस्टेज कैंसर सहित जटिल ऑपरेशन आसानी से हो सकेंगे। जर्मनी में निर्मित दा विंची रोबोट मशीन की कीमत 28 करोड़ रूपये है। इससे हृदय शल्य चिकित्सा, कालोरेक्टल सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायन कोलाजिक सर्जरी, सिर-गर्दन सर्जरी, वक्ष शल्य चिकित्सा सहित सभी जटिल ऑपरेशन संभव है। विदेश में रोबोट सर्जरी महंगी है।
विदेशों की अपेक्षा बहुत कम रूपये होंगे खर्च
विदेश में सामान्य व जटिल सर्जरी के 20 हजार से 10 लाख रूपये लग जाते है। हवाई टिकट एवं अन्य खर्च अलग से वहन करना पड़ता है। जबकि ऋषिकेश एम्स में 10 हजार से 2 लाख रूपये का खर्च आता है। जोकि विदेशों की अपेक्षा बहुत कम है।
छोटे चीरे से दा विंची प्रणाली में एक विस्तृत थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराये जाते है। जो मानव हाथ से कहीं ज्यादा मोड और धूमते है। इससे खून नहीं निकलता और ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है। इससे इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है।
ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर डा. रविकांत का कहना है कि अत्याधुनिक दा विंची रोबोट प्रणाली से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते है। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोप के देशों में यह प्रणाली लोकप्रिय है। भारत के चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में ही यह सुविधा है। इसमें रोबोट की मदद से सर्जरी की जाती है। जिसमें समय कम लगने के साथ चीर-फाड नहीं करनी पड़ती। मरीज को दर्द कम होने के साथ इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है।