अहमदाबाद। Rahul Gandhi मोदी सरनेम पर टिप्पणी करना राहुल गांधी को पड़ा भारी। गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल को जिला अदालत द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा कायम रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में राहुल की सावरकर पर की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया।
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राहुल गांधी के खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि देशभर में राहुल गांधी के खिलाफ 10 आपराधिक मामले अभी तक लंबित हैं और इसमें रोक की मांग की जा रही है।हाई कोर्ट ने आगे कहा कि निचली अदालत का दोषी ठहराने का आदेश उचित और कानूनी था, इसलिए उसमें कुछ बदलने लायक नहीं है।
सावरकर पर दिए बयान ने भी फंसाया
याचिकाकर्ता और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित टोलिया ने बताया कि उन्होंने अखबारों में छपा एक बयान भी रिकॉर्ड में रखा था, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था, “मैं वीर सावरकर नहीं हूं, सॉरी नहीं कहूंगा।” राहुल के वकील ने भी इससे इनकार नहीं किया। न्यायालय ने मामले में इस पर भी विचार किया।
भाजपा विधायक ने किया था केस
सूरत में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में भाजपा गुजरात विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी के खिलाफ केस दर्ज किया था। कोर्ट ने 23 मार्च को मामले में गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
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