वित्त मंत्रालय ने कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक में हुए 1.8 अरब डॉलर के घोटाले से भारतीय बैंकों को तीन अरब डॉलर के नुकसान की खबर बेबुनियाद है। सोमवार को मंत्रालय की तरफ से किए गए एक ट्वीट से इस बात की जानकारी मिली।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, मीडिया के खास वर्ग में ऐसी खबरें आ रही हैं कि कर विभाग ने पीएनबी में हुए कथित घोटाले से भारतीय बैकों को तीन अरब डॉलर से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है, जो कि झूठ है। तथ्यात्मक रूप से गलत है। आपको बता दें कि इस घोटाले में नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के पक्ष में अवैध लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी किए गए थे, जोकि बैंकों द्वारा अधिकृत नहीं थे।
वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने सोमवार को सभी ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि उनके बैंकिंग लेनदेन के लिए बिना किसी असुविधा के पर्याप्त इंतजाम हैं। किसी भी देनदारी से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त संपत्तियां है। पीएनबी ने स्टॉक एक्सचेंजेस द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में यह बात कही। बहरहाल, बैंक ने यह भी कहा कि इस तरह की कोई भी संपत्ति का उपयोग करने के बारे में फैसला समय आने पर बोर्ड की मंजूरी से किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस मामले में कार्रवाई कर करते हुए सीबीआई ने सोमवार को मुबंई स्थित पंजाब नेशनल बैंक की डब्ठ ब्रेडली हाउस ब्रांच को सील कर दिया था। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा और तलाशी की। इस छापेमारी में 5716 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
नीरव मोदी ने बैंक का कर्ज लौटाने से किया इनकार
घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने बैंक का कर्ज लौटाने से इनकार कर दिया है। नीरव ने 15/16 फरवरी को बैंक प्रबंधन को यह पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरी कंपनी पर बैंक की देनदारी 5000 करोड़ से कम है। लेकिन बैंक की ओर से बढ़ाचढ़ाकर कर देनदारी दिखाने की वजह से मीडिया का ध्यान आकर्षित हुआ। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई हुई जिससे फायरस्टार इंटरनेशनल और फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल की साख खराब की और परिवार की देनदारी देने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई।