इस्लामाबाद। कोरोना वायरस का कहर सभी देशों में फैलता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत हो गई है। इसके बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान भी इस वायरस से डरा हुआ है। अब तक पाकिस्तान में 21 केस सामने आए हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने संकेत दिए हैं कि वह कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर सकता है।
अपने साप्ताहिक न्यूज बीफ्रिंग में एक प्रश्न के जवाब में कहा गया है कि पाकिस्तान इस वायरस से निपटने के लिए अपने पड़ोसी देशों के साथ काम कर सकते हैं। आइएनएस ने दा एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी पड़ोसी देश की सहायता देने के लिए तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोगों को हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी देशों की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि वह इस वायरस को फैलने से बचाया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिस्तान इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए बॉर्डर पर इस संक्रमण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले सिंध सरकार ने पाकिस्तान में इस वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी शैक्षिक संस्थान को 31 मई तक बंद करने का एलान किया था। इस दौरान कक्षा दसवीं के बोर्ड की परीक्षा भी रद कर दी गई है। यही नहीं कक्षा नौंवी की क्लास भी बंद कर दी गई है। यह फैसला वहां की कैबिनेट द्वारा बुलाई गई आपातकाल बैठक में लिए गया था। यह बैठक वहां के मुख्यमंत्री सईद मुराद अली शाह के अंडर में की गई थी। इसकी जानकारी वहां के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब (Murtaza Wahab)ने गुरुवार को दी थी।
बता दें कि चीन के वुहान से दिसंबर 2019 से शुरु हुए इस प्रकोप का असर धीरे-धीरे सभी देशों में फैलता जा रहा है। इस वायरस से 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं।