Onkeypox Outbreak: 11 देशों में मिले 80 मामले, WHO का रिसर्च जारी

323
विज्ञापन

जेनेवा। Onkeypox Outbreak:  विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने 11 देशों में मंकीपाक्स के 80 मामलों की पुष्टि की है। संगठन इस नई बीमारी को लेकर रिसर्च कर रहा है ताकि इसके पीछे के कारणों के साथ होने वाले जोखिमों का पता लगाया जा सके। गुरुवार को जारी बयान में WHO ने कहा कि यह वायरस एंडेमिक यानि स्थानीय स्तर (endemic) का है जो कुछ देशों के जानवरों में मौजूद है। इससे स्थानीय पर्यटकों व लोगों के बीच ही यह संक्रमण फैलता है।

NSE Co Location Scam: चित्रा रामकृष्णन से जुड़े NSE केस में CBI की बड़ी कार्रवाई

भारत में भी अलर्ट

हालांकि शुक्रवार को भारतीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) और आइसीएमआर (ICMR) को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है। बता दें कि एंडेमिक के तहत आने वाली महामारी की पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं होती लेकिन यह संक्रमण अधिक नहीं फैलता। WHO के अनुसार इस स्थिति में लोगों को हमेशा के लिए उसी संक्रमण के साथ जीना पड़ता है।

पहली बार 1958 में मिला था केस

मंकीपाक्स पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में देखा गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन हैं पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी। यूके में मिले संक्रमित रोगियों में से दो ने नाइजीरिया से यात्रा की थी। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि ये पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि मंकीपाक्स चेचक वायरस परिवार से संबंधित है।

Onkeypox Outbreak ये हैं लक्षण

मंकीपाक्स के संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद मरीज में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती के लक्षण दिखते हैं। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है।

CM dhami in Haridwar: मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के विकास कार्यों की समीक्षा

Leave a Reply