बैंक लोन दबाने वालों के लिए बनेगा नया कानून

1263
File Photo

मंगलवार को केंद्र सरकार ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया कि वे फ्रॉड की आशंका से 50 करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए (फंसे कर्ज) खातों की जांच करें। अगर किसी बैंक को ऐसे मामलों में फ्रॉड पकड़ में आता है तो वे तत्काल इसकी सूचना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को दें। इस बीच सरकार बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने हाई-प्रोफाइल लोगों और कारोबारियों से पैसा वसूलने के लिए एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक के कानून बनने पर विशेष अदालतों के जरिए भगोड़ा कारोबारियों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी।

बैंक फ्रॉड पकड़कर सीबीआइ को सौंपने का दिया निर्देश

वित्त मंत्रालय के बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के सभी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को बैंक फ्रॉड पकड़कर सीबीआइ को सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें 50 करोड़ रुपये से अधिक एनपीए वाले खातों की जांच इस दृष्टिकोण से करने के लिए कहा गया है कि कहीं इन खातों में बैंक फ्रॉड तो नहीं किया गया।

बैंकों को वित्त मंत्रालय का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब अरबपति ज्वैलर नीरव मोदी देश के सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक को 12,700 करोड़ रुपये का चूना लगाकर देश छोड़कर भाग गया है। इससे पहले विजय माल्या भी बैंकों से लोन लेकर विदेश भाग चुका है। सरकार का यह निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकारी बैंकों के एनपीए की राशि बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गयी है। इसलिए एनपीए के मामलों की यह पहचान करनी जरूरी है कि कहीं ये फ्रॉड तो नहीं हैं।

सरकार ने बैंकों से यह भी कहा है कि वे 50 करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड के मामले में अपने मुख्य सतर्कता अधिकारी से परामर्श करने के बाद इसकी जांच के लिए सीबीआइ के साथ समन्वय करें। साथ ही बैंक केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो यानी सीईआइबी से एनपीए बनने वाले खातों के संबंध में उधार लेने वाले व्यक्ति की जानकारी प्राप्त करते रहें। सीईआइबी को एक सप्ताह के भीतर बैंकों को रिपोर्ट देनी होगी। कुमार ने कहा कि बैंक अगर फेमा या मनी लॉंड्रिंग से संबंधित कोई मामला पकड़ते हैं तो उसकी सूचना वे तत्काल प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय को दें।

Leave a Reply