नई दिल्ली: देश के कई राज्यों समेत दिल्ली-एनसीआर में एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू है, लेकिन राजधानी से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो कानून को ठेंगा करती प्रतीत हो रही हैं। बड़े तो बड़े स्कूली बच्चे भी नए कानून की धज्जियां उड़ाने में पीछे नहीं है। स्थिति यह है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में स्कूली छात्र कार से बिना शीट बेल्ट लगाए फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं, तो दिल्ली में स्कूली बच्चे सड़कों पर स्कूटी फर्राटा भगा रहे हैं।
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स्कूल के विद्यार्थियों को देश का भविष्य कहा जाता है, लेकिन यही विद्यार्थी दिल्ली यातायात पुलिस को ठेंगा दिखा रहे हैं, वो भी तब जब संशोधित मोटर वाहन अधिनियम-2019 (new motor vehicle act 2019) के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना है। इस कानून का स्कूली विद्यार्थियों पर कितना असर पड़ा है, इसका जायजा जागरण की टीम ने यमुनापार की सड़कों पर लिया।
एक-एक स्कूटी पर चार-चार विद्यार्थी ऐसे बैठे थे मानों कानून व्यवस्था राजधानी में धाराशाही हो चुकी है। न तो उनके चेहरे पर जुर्माने को लेकर कोई शिकंज थी और न ही पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर था। नए कानून के तहत बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर गाड़ी जब्त हो सकती है, साथ ही अगर कोई नाबालिग गाड़ी चालाते हुए पकड़ा जाता है तो 25 वर्ष उम्र तक उसका लाइसेंस नहीं बनेगा। अगर किसी नाबालिग से वाहन चलाते हुए हादसा हो जाता है तो उसके अभिभावकों को सजा होगी। सवाल यह है कि छात्र नाबालिग होकर यातायात नियमों को उल्लंघर कर रहे हैं और भारी जुर्माने का प्रावधान होने के बाद भी पुलिस कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रही है। इस संबंध में यातायात पुलिस वरिष्ठ अधिकारी नरेंद्र बुंदेला और नीतू चौधरी से फोन पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
पुलिस को कहां पर चकमा देना है विद्यार्थियों को पता है
नियम तोड़ने वाले कुछ विद्यार्थियों से संवाददाता ने एक आम व्यक्ति के तौर पर बात की नए कानून से बालिग लोगों में भी डर है। तुम लोग तो नाबालिग हो उसके बाद भी स्कूटी और बाइक कैसे चला रहे हो। इसपर उनकी प्रतिक्रिया थी की पुलिस को कैसे चकमा देना है या उन्हें अच्छे से मालूम है। घर से लेकर स्कूल तक पुलिस किन स्थानों पर किस समय खड़ी होती है यह उन्हें पता होता है, क्योंकि रोजाना उसी रास्ते से गुजरते हैं। कई बार पुलिस मिल भी जाती है तो दूसरा रास्ता पकड़कर अपनी मंजिल की ओर पहुंच जाते हैं।
स्कूल की वर्दी देखकर पुलिसकर्मी नहीं डालते हाथ
यातायात पुलिस के कुछ अधिकारियों ने जागरण से बातचीत में बताया कि पुलिसकर्मी सड़क पर खड़े होकर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का चालान करते हैं। लेकिन जिस वक्त बच्चे स्कूल जाते हैं और आते हैं, तब पुलिसकर्मी थोड़ी नरमी दिखाते हैं। इसलिए की बच्चे को स्कूल पहुंचने में देरी न हो जाए। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है, उनके चालान भी किए जाते हैं।
परिजन खुद बच्चों को बैठा कर भर रहे हैं फर्राटा
मौसम विहार में स्कूल की छुट्टी के समय देखने को मिला की बहुत से परिजन दो पहिया वाहन पर दो से तीन बड़े बच्चों को बिना हेलमेट के ले जा रहे हैं, उन्हें इस बात की फ्रिक तो थी की अपने वाहन से जल्दी घर पहुंच जाएंगे। लेकिन नहीं था तो वह था पुलिस का डर। सड़क पर वाहन लेकर खड़े हुए परिजनों से बात की तो उन्होंने कहा कि थोड़े दिन तक भारी जुर्माने का डरामा चलेगा, उसके बाद सभी पुराने ढर्रे पर आ जाएंगे।
स्कूलों पर भी उठता है सवाल
आम लोगों का कहना है कि एक तरफ स्कूल वाले कार्यक्रम चलाकर बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हैं, वहीं उन्हीं स्कूलों में पढ़ने वाले नाबालिग विद्यार्थी जब वाहन लेकर स्कूल पहुंचते हैं तब स्कूल प्रबंधक के मुंह पर ताला लग जाता है। वह उन्हें ऐसा करने से रोकते क्यों नहीं है।
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