Nehru Memorial renamed: दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम मेमोरियल रखा गया। नाम बदलने पर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा।
Cyclone Biparjoy News : गुजरात में लैंडफॉल के बाद भारी बारिश; 22 घायल, दो की मौत
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में फैसले पर लगी मुहर
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर मुहर लग गई। राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Nehru Memorial renamed) के उपाध्यक्ष हैं। वहीं प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत 29 सदस्य इस सोसाइटी में शामिल हैं।
जानिए पीएम मेमोरियल का इतिहास
एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। साल 1948 में जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन मूर्ति भवन उनका आधिकारिक आवास बन गया। पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उन्हें समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।
कांग्रेस ने केंद्र के फैसले की आलोचना की
कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। बीते 59 सालों से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी वैश्विक बौद्धिकता का अहम स्थान और किताबों का खजाना रहा है। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के वास्तुकार के नाम और विरासत को विकृत, तिरस्कृत और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। असुरक्षाओं के बोझ तले दबे एक छोटे कद के व्यक्ति स्वयंभू विश्वगुरु हैं।’
Beneficiary Conference Program : में जनसभा को CM धामी ने किया संबोधित