नई दिल्ली। केरल विधानसभा का आज विशेष सत्र बुलाया गया। इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ केरल की राज्य सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान विधानसभा में राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है। हर कोई हमारी जमीन पर पहुंच गया। उन्होंने आगे कहा कि हमारी परंपरा समावेशी है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा।
हालांकि, केरल में भाजपा विधायक ओ राजगोपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजनीति की मानसिकता का प्रतीक है। बता दें कि इससे पहले संशोधित नागरिकता कानून को लेकर कई गैर भाजपा शासित राज्यों के विरोध के बीच केंद्र ने सोमवार को कहा कि राज्यों को कानून लागू करना होगा। क्योंकि, संसद ने इसे मंजूरी दे दी है। संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेधावल ने सीएए पर कहा कि केंद्र के साथ भाजपा के दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत अब इसे लागू करना होगा। इतना ही नहीं मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) को भी लागू करना होगा।
शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों से पास हुआ संविधान संशोधन (126वां) बिल पर भी चर्चा होने की बात कही गई थी। इस बिल को स्वकृति देने के लिए भी इस सत्र का आयोजन किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि इस विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एससी / एसटी को कोटा 10 साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।
विधानसभा से मंजूरी मिलने के साथ ही राज्य में 10 साल तक के लिए एससी एसटी कोटा लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध मे निर्णय लिया गया था। इसी के साथ मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को सिफारिश की जाए।